वकीलों पर हो रहे हमले, सरकार नाकाम

By Edited By: Publish:Fri, 12 Sep 2014 06:48 PM (IST) Updated:Fri, 12 Sep 2014 06:48 PM (IST)
वकीलों पर हो रहे हमले, सरकार नाकाम

गाजीपुर : प्रदेश में जगह-जगह अधिवक्ताओं पर पिछले कुछ समय से हो रहे हमले के विरोध की आंच यहां भी आ पहुंची है। बार कौंसिल उत्तर प्रदेश के प्रस्ताव के समर्थन में शुक्रवार को कचहरी के वकीलों ने कार्य नहीं किया। मौन रहकर विरोध जताया। कल्याणकारी योजनाएं लागू कराने में सरकार के टालमटोल रवैए पर नाराजगी जताई। मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।

सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश सिंह ने कहा कि वकीलों के हित में उत्तर प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि न्यासी समिति व बार कौंसिल योजनाएं लागू कराने के लिए प्रयासरत हैं। सरकार के अनुमोदन न करने के चलते इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में वकीलों के पास अपने हक के लिए आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ रहा है। महासचिव धीरेंद्रनाथ सिंह ने कहा कि सरकार अधिवक्ताओं व न्यायालय परिसरों को सुरक्षित रखने में नाकाम साबित हो रही है।

गाजियाबाद में जगमोहन कसाना, झांसी के मदनलाल बबेले, लखीमपुर खीरी के जगपाल सिंह, कासगंज के मुस्तफा काजिल, कसया कुशीनगर के नुरुल होदा, गोरखपुर के अधिवक्ता कुमार पर हुए प्राणघातक हमले इसके उदाहरण हैं। इन हमलों में कई की जान भी चली गई। अब पानी सिर से ऊपर जा रहा है।

ज्ञापन सौंपने के दौरान राजेंद्र विक्रम सिंह, ओमप्रकाश गुप्ता, उपेंद्रनाथ राय, राकेश सिंह, प्रदीप देव सिंह आदि अधिवक्ता मौजूद थे।

न्यायिक कार्य से विरत रहे अधिवक्ता

जमानियां : स्थानीय तहसील के अधिवक्ता शुक्रवार को न्यायिक कार्य से विरत रहे। बांहों में काली पट्टी बांधकर कस्बे में मौन जुलूस निकाला। प्रदर्शनकारियों में उदय नरायन सिंह, करुणाकांत राय, संजय दुबे, अरुण कुमार सिंह, प्रमोद पांडेय आदि शामिल थे।

वाणिज्य कर कार्यालय पर दिया धरना

गाजीपुर : सरकार द्वारा अधिवक्ता हितों की अनदेखी के विरोध में टैक्स बार एसोसिएशन के सदस्यों ने फुल्लनपुर स्थित वाणिज्य कर कार्यालय गेट पर धरना दिया। वक्ताओं ने कहा कि यदि प्रदेश सरकार अधिवक्ता हितों की नजरअंदाज करती है तो संघर्ष को तेज किया जाएगा।

धरना में सीताराम गुप्ता, क्षितिज मोहन मिश्रा, चंद्रिका प्रसाद, सत्यप्रकाश लाल श्रीवास्तव, राघवेंद्र तिवारी, राकेश सिंह, सुनील राय, अनिल श्रीवास्तव, मनीष सिंह, चंद्रमणि प्रसाद आदि मौजूद थे।

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