बीडीओ की कमी से ठप पड़े कार्य

By Edited By: Publish:Tue, 29 Jul 2014 09:09 PM (IST) Updated:Tue, 29 Jul 2014 09:09 PM (IST)
बीडीओ की कमी से ठप पड़े कार्य

गाजीपुर : खंड विकास अधिकारियों की कमी से जनपद का विकास कार्य ठप हो गया है। सोलह विकास खंडों के सापेक्ष महज पांच बीडीओ ही उपलब्ध हैं। उनमें भी दो बीडीओ का गैर जनपद तबादला कर दिया गया है। अधिकारियों की कमी के चलते चलते उन्हें प्रशासन कार्यमुक्त कर अपनी परेशानी और बढ़ाना नहीं चाहता है।

पिछले दो सालों से जिले में जैसे बीडीओ का अकाल पड़ा हुआ है। इस वर्ष तो बीडीओ की कुछ ज्यादा ही कमी हो गई है। इसके चलते एक बीडीओ को तीन-तीन ब्लाकों का चार्ज दिया गया है। ऊपर से विभिन्न बैठकें एवं सत्यापन कार्य भी करना पड़ता है। ऐसे में बीडीओ आमजन की समस्याओं को सुन नहीं पा रहे हैं। समय मिलता भी है तो वह फाइलों पर हस्ताक्षर करने में ही बीत जाता है। मनरेगा के अलावा और भी बहुत से कार्य हैं जो ब्लाक से संचालित होते हैं। इससे पहले एक बीडीओ को दो ब्लाकों का चार्ज दिया गया था।

शेष ब्लाकों का प्रभार अन्य विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों को दिया गया था। विभागीय अधिकारियों ने इससे अपने विभाग के काम में व्यवधान आने की शिकायत कर ब्लाकों से छुटकारा पा लिया। इसके बाद जिला प्रशासन के सामने समस्या खड़ी हो गई कि ब्लाकों को कौन संभालेगा। ऐसे में जिला प्रशासन ने अन्य विभागीय अधिकारियों की जगह अपने बचे बीडीओ पर ही विश्वास जताया। एक बीडीओ को तीन-तीन ब्लाकों का चार्ज दे दिया गया। तीन ब्लाकों के काम के बोझ से दबे बीडीओ बिलबिला रहे हैं।

वे बार-बार उच्चाधिकारियों से अपना रोना रो रहे हैं कि साहब एक साथ दो तो सही लेकिन तीन ब्लाक नहीं संभल रहे हैं। इधर शासन ने जनपद के दो और बीडीओ कासिमाबाद, बिरनो एवं मरदह के दिनेश कुमार सिंह और भांवरकोल, मुहम्मदाबाद एवं बाराचवर के बीएन मिश्र का गैर जनपद ं तबादला कर दिया। इनकी जगह पर मात्र एक बीडीओ को गाजीपुर में भेजा गया है। हालांकि अभी तक उन्होंने यहां अपनी उपस्थिति नहीं दर्ज कराई है। ऐसे में पहले से ही बीडीओ की कमी से जूझ रहे अधिकारी उनको रिलीव नहीं कर रहे हैं।

कमी के चलते नहीं हो रहे रिलीव

जनपद में बीडीओ की भारी कमी है। पांच बीडीओ के भरोसे किसी तरह विकास कार्य संचालित हो रहे हैं। शासन ने उसमें से भी दो बीडीओ का तबादला कर दिया है लेकिन बीडीओ की कमी के चलते उन्हें रिलीव नहीं किया जा रहा है।

- रामअवतार, सीडीओ।

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