सोलर प्लांट की बिजली बेचने को नियम में ढील देने की गुजारिश

जागरण संवाददाता गाजियाबाद सिटी फॉरेस्ट में लगे सोलर प्लांट की बिजली बेचने के लिए जीडी

By JagranEdited By: Publish:Wed, 26 Aug 2020 06:34 PM (IST) Updated:Wed, 26 Aug 2020 06:34 PM (IST)
सोलर प्लांट की बिजली बेचने को नियम में ढील देने की 
गुजारिश
सोलर प्लांट की बिजली बेचने को नियम में ढील देने की गुजारिश

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : सिटी फॉरेस्ट में लगे सोलर प्लांट की बिजली बेचने के लिए जीडीए ने शासन से पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) के नियमों में ढील की मांग की है। अपील में कहा है कि अक्षय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए उपलब्ध जगह में यह प्लांट लगाया गया है।

जीडीए ने डेढ़ साल पहले बीएचईएल से सिटी फॉरेस्ट के चार हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में 500 केवीए का सोलर प्लांट लगवाया था। इस पर दो करोड़ 74 लाख रुपये खर्च हुए थे। योजना थी कि इस प्लांट की बिजली से सिटी फॉरेस्ट की लाइटें रोशन होंगी। बाकी बिजली बेच कर जीडीए आय अर्जित करेगा। जीडीए ने इसके लिए पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) को पीपीए का प्रस्ताव भेजा था। पीपीए एक तरह का करार है, जिसमें पीवीवीएनएल बिजली खरीदने के लिए प्रति यूनिट दर तय करता है। पीवीवीएनएल ने इस प्लांट से बिजली खरीदने के लिए पीपीए करने से इन्कार कर दिया था।

यहां फंसा है पेंच

पीवीवीएनएल की पॉलिसी में पीपीए के लिए सोलर प्लांट की बिजली उत्पादन क्षमता न्यूनतम एक हजार केवीए होनी चहिए। जीडीए के सोलर प्लांट की क्षमता महज 500 केवीए है। पीवीवीएनएल के अधिकारियों का कहना है कि पीपीए की शर्त को पूरा करने के लिए जीडीए को इतना बड़ा एक और प्लांट लगवाना होगा।

9.34 लाख रुपये सुरक्षा पर खर्च

इस प्लांट की सुरक्षा के लिए जीडीए ने 9.34 लाख रुपये अलग से खर्च किए हैं। प्लांट स्थल पर हाई मास्ट लाइट लगवाई गई है। इसके अलावा सुरक्षा गार्डो को तैनात किया गया है।

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शासन और विद्युत निगम के आला अधिकारियों को पत्र भेजा गया है। जिसमें नियम में ढील देने की मांग की गई है। अक्षय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सोलर प्लांट लगाया गया है।

- अनिल कुमार सिंह, अधिशासी अभियंता, जीडीए

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