फरीदाबाद के DCP विक्रम कपूर के बाद यूपी पुलिस के SI ने मुंह में मारी गोली, हो गई मौत

हरियाणा के फरीदाबाद में डीसीपी विक्रम सिंह द्वारा गोली मार कर आत्महत्या करने के 48 घंटे के भीतर यूपी के गाजियाबाद में दरोगा द्वारा उसी तरह आत्महत्या करने का सामने आया है।

By JP YadavEdited By: Publish:Fri, 16 Aug 2019 11:16 AM (IST) Updated:Fri, 16 Aug 2019 11:25 AM (IST)
फरीदाबाद के DCP विक्रम कपूर के बाद यूपी पुलिस के SI ने मुंह में मारी गोली, हो गई मौत
फरीदाबाद के DCP विक्रम कपूर के बाद यूपी पुलिस के SI ने मुंह में मारी गोली, हो गई मौत

गाजियाबाद, जेएनएन। हरियाणा के फरीदाबाद में डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (Deputy Commissioner of Police) विक्रम सिंह द्वारा 14 अगस्त की सुबह गोली मार कर आत्महत्या करने के 48 घंटे के भीतर यूपी के गाजियाबाद में दरोगा मुधप कुमार द्वारा उसी तरीके से आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। 

मिली  जानकारी के मुताबिक, गाजियाबाद के कविनगर थानाक्षेत्र के संजयनगर सेक्टर-23 में यूपी पुलिस के दरोगा मधुप कुमार सिंह ने सर्विस रिवाल्वर से मुंह में गोली मारकर की आत्महत्या कर ली। मधुप कुमार पूर्व में संजय नगर चौकी में भी तैनात रह चुके थे

वह बागपत के बालैनी थाने में एसएसआइ थे। मिली जानकारी के मुताबिक, मधुप ने शुक्रवार सुबह संजय नगर स्थित अपने घर पर गोली मार ली। 

सूचना के बाद एसएसपी समेत अन्य आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर आत्महत्या के कारणों की पड़ताल में पुलिस जुट गई है। 

यहां पर बता दें कि फरीदाबाद के डीसीपी विक्रम कपूर ने 14 अगस्त की सुबह करीब 6.00 बजे मॉर्निंग वॉक से लौटने के बाद खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली। कुरुक्षेत्र के रहने वाले विक्रम कपूर 1983 में एएसआई के पद पर भर्ती हुए थे। साल 2017 में आईपीएस प्रमोट हुए थे।

जिस सर्विस रिवॉल्वर से डीसीपी विक्रम कपूर ने अपनी जिंदगी खत्म की, वह सर्विस रिवॉल्वर उनकी सुरक्षा में तैनात कांस्टेबल मुकेश की थी। मुकेश से वह बीते तीन दिनों से रिवॉल्वर उनके पास ही छोड़ कर जाने को कह रहे थे। मुकेश ऐसा ही कर भी रहा था। उसे क्या मालूम कि किस मकसद से कपूर उससे रिवॉल्वर मांग रहे थे। वैसे, कपूर ने जिस तरीके से खुदकशी की, वह भी सवाल उठाता है।

पूर्व आइपीएस महाराज सिंह ने इस सवाल पर कि क्या किसी सीनियर का अपने जूनियर से रिवॉल्वर या पिस्टल मांगना उचित है, उन्होंने कहा कि अमूमन जूनियर की सारी शक्तियां सीनियर में निहित होती हैं। वह (जूनियर) अपने सीनियर को ना नहीं कह सकता। भला जूनियर को क्या पता कि सीनियर किस कारण से असलहा मांग रहा है? जूनियर का अपने सीनियर को असलहा देना कहीं से गलत नहीं है।

यहां पर बता दें कि फरीदाबाद के डीसीपी एनआईटी विक्रम कपूर की आत्महत्या मामले में सेक्टर-31 थाना पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर मामला दर्ज कर जांच कर रही है। डीसीपी के बेटे ने पुलिस को इस संबंध में शिकायत दी है।

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