इलाज में लापरवाही का आरोप, मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर की शिकायत

डॉक्टर लगभग 15 मिनट बाद पहुंचे और औपचारिक रूप से मरीज को देखने के बाद अपने रूम में जाकर बैठ गए और वहां से एक जेंट्स नर्स से इंजेक्शन लगवा दिया।

By Amit MishraEdited By: Publish:Mon, 24 Jul 2017 06:54 PM (IST) Updated:Mon, 24 Jul 2017 06:55 PM (IST)
इलाज में लापरवाही का आरोप, मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर की शिकायत
इलाज में लापरवाही का आरोप, मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर की शिकायत

गाजियाबाद [जेएनएन]। प्रदेश में सरकार कोई भी हो, लेकिन स्वास्थ्य विभाग में सुधार की उम्मीद करना बेमानी ही साबित हो रहा है, रात में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को न सिर्फ दुत्कार मिल रही है, बल्कि तीमारदारों को आरोपी बनाकर पुलिस से शिकायत भी की जा रही है।

एक ऐसा ही मामले सामने आया है, जिसमें पत्नी के हृदय में दर्द होने पर उपचार कराने साथ गए पति के खिलाफ मौके पर मौजूद इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर ने पुलिस से शिकायत की है। शिकायत की जानकारी होने पर महिला के पति ने संबंधित डॉक्टर की शिकायत स्वास्थ महानिदेशक एवं मुख्यमंत्री से करते हुए जांच कराने की मांग की है।

सीएम को लिखा शिकायती खत 

नसरतपुर निवासी जितेंद्र कुमार ने शिकायती पत्र में बताया है कि 12 जुलाई की रात 10 बजे पत्नी सिमरन के दिल में दर्द होने पर इलाज के लिए एमएमजी अस्पताल ले गया। अस्पताल की इमरजेंसी में डॉक्टर एसपी सिंह की ड्यूटी थी जो उस वक्त ड्यूटी पर मौजूद नहीं थे।

आरोप है कि डॉक्टर लगभग 15 मिनट बाद पहुंचे और औपचारिक रूप से मरीज को देखने के बाद अपने रूम में जाकर बैठ गए और वहां से एक जेंट्स नर्स से इंजेक्शन लगवा दिया। आरोप है कि इंजेक्शन लगाने के बाद दर्द अधिक बढ़ गया और शरीर में जलन होने लगी। सांस लेने में कठिनाई होने लगी, दोबारा डॉक्टर एसपी सिंह को मामले के बारे में बताया तो उन्होंने एक गोली पत्नी की जीभ के नीचे रखने के लिए दिया, उसके बाद भी दर्द और बेचैनी कम नहीं हुई।

20 मिनट बाद दोबारा डॉक्टर से निवेदन किया कि पत्नी को ऑक्सीजन या ईसीजी जैसी कोई सुविधा दे दीजिए तो इस बात पर डॉक्टर साहब मेरे ऊपर गुस्सा हो गए और कहा कि यहां पर ऐसी कोई सुविधा नहीं है। यदि पत्नी से इतना ही लगाव रखते हो तो प्राइवेट अस्पताल में दिखाया करो। वहां पर खड़े कई लोगों ने अपने मोबाइल से बातचीत की वीडियो क्लिप भी बना ली।

पत्नी को रेफर करने को कहा तो आरोप है कि डॉक्टर ने मुझसे कहा कि आप रजिस्टर में यह लिखो कि अपने मरीज को स्वयं की जिम्मेदारी पर अपनी मर्जी से लेकर जा रहे हो लेकिन मैंने इसका विरोध किया और कहा कि मैं सच लिखूंगा कि यहां अस्पताल में सुविधा ना होने की वजह से मैं अपनी पत्नी को यहां से ले जा रहा हूं और यही रजिस्टर में लिख दिया। इसके बाद डाक्टर ने अपना रजिस्टर जमीन पर दे मारा और पुलिस को फोन कर दिया।

मौके पर पहुंची पुलिस ने पत्नी को किसी दूसरे अस्पताल ले जाने की सलाह दी। एक प्राइवेट अस्पताल इलाज कराया लेकिन पिछले 8 दिन से मेरे घर लगातार पुलिस आ रही है जिन्होंने मेरी पत्नी को बताया कि डॉक्टर ने सरकारी काम में बाधा डालने की तहरीर दी है।

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डाक्टरों के साथ बदतमीजी

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एमएमजी अस्पताल डॉ जेके त्यागी ने कहा कि अधिकांश रात में इलाज के लिए आने वाले मरीज के अटेंडेंट डाक्टरों के साथ बदतमीजी करते हैं। मामले की जानकारी है। इसमें मरीज के अटेंडेंट ने डॉक्टर से बदतमीजी की थी, जिस पर डॉक्टर ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मरीज के अटेंडेंट का मेरे पास फोन आया था, उसे बुलाया भी था, लेकिन वह अभी तक आया नहीं। इसके बावजूद पूरे मामले की जांच कराऊंगा।

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