RIP Choudhary Ajit Singh: खामोश हो गई पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाटाें और किसानों की आवाज

साल 2018 में किसानों को समर्थन देने यूपी गेट पर पहुंचे रालोद मुखिया चौधरी अजित सिंह को लोगों ने हाथों हाथ लिया और कंधे पर बैठा लिया था। इस दौरान वह बेहोश भी हो गए थे। इसके बाद ऐसा कोई मौका नहीं आया कि वह कभी गाजियाबाद आ पाए।

By Jp YadavEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 01:24 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 01:38 PM (IST)
RIP Choudhary Ajit Singh: खामोश हो गई पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाटाें और किसानों की आवाज
RIP Choudhary Ajit Singh: खामोश हो गई पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाटाें की आवाज

नई दिल्ली/गाजियाबाद [शाहनवाज अली]। जाट राजनीति के बूते पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दबदबा रखने वाले राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह के निधन से कार्यकर्ताओं में शोक की लहर है। वह गाजियाबाद में करीब तीन वर्ष पूर्व साल 2018 में गांधी जयंती के मौके पर किसान गांधी समाधि पर कार्यक्रम करना चाहते थे, लेकिन किसानों को दिल्ली में दाखिल से पहले यूपी-दिल्ली बॉर्डर पर रोक दिया गया था। किसानों को समर्थन देने यूपी गेट पर पहुंचे रालोद मुखिया चौधरी अजित सिंह को लोगों ने हाथों हाथ लिया और कंधे पर बैठा लिया था। इस दौरान वह बेहोश भी हो गए थे। इसके बाद ऐसा कोई मौका नहीं आया कि वह कभी गाजियाबाद आ पाए। रालोद कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों के साथ उनके संस्मरण और राजनीतिक दलों की ओर से उन्हें श्रृद्धांजलि दी जा रही है।

देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे चौधरी अजित सिंह उत्तर प्रदेश के बागपत से सात बार सांसद रहे और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री भी रह चुके हैं। उनके निधन के बाद पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शोक की लहर है। अजित सिंह और उनके परिवार की जाट समाज में काफी पैठ रही है। पिछले दो लोकसभा चुनाव और 2 विधानसभा चुनाव के दौरान रालोद का ग्राफ तेजी से गिरा। यही वजह है कि वे अपने गढ़ बागपत से भी लोकसभा चुनाव हार गए।

गौरतलह है कि कोरोना वायरस संक्रमित राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख अजित सिंह का बृहस्पतिवार को निधन हो गया। वह कुछ दिन पहले कोरोना से संक्रमित हो गए थे और गुरुग्राम के निजि अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। 

अखिलेश यादव ने अजित सिंह को बताया किसानों का मसीहा

समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अजित सिंह के निधन पर शोक जाहिर किया है। अखिलेश यादव ने चौधरी अजित सिंह को किसानों का मसीहा बताया है। उन्होंने ट्वीट किया है- 'किसानों और मजदूरों के मसीहा, पूर्व केंद्रीय मंत्री, आरएलडी प्रमुख चौधरी अजीत सिंह जी का आकस्मिक निधन, अपूरणीय क्षति। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति एवं शोक संतप्त परिजनों को दुख की इस घड़ी में संबल प्रदान करे। अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि।'

मायावती ने भी अजित सिंह के निधन पर जताया शोक

यूपी की पूर्व सीएम और बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी ट्वीट कर चौधरी अजित सिंह के निधन पर शोक जाहिर किया है- 'राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व सांसद तथा अपने समाज के लोकप्रिय नेता चौधरी अजित सिंह के निधन की खबर अति-दुःखद। उनके परिवार व उनके समस्त चाहने वालों के प्रति मेरी गहरी संवेदना। कुदरत उन सबको इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करे।'

यह भी जानें पूर्व प्रधानमंत्री और किसान नेता चौधरी चरण सिंह के बेटे अजित सिंह बागपत से 6 बाद सांसद और कई बार केंद्र में मंत्री रह चुके हैं। 2001 से 2003 तक अटल बिहारी सरकार में चौधरी अजित सिंह कृषि मंत्री रहे। 2011 में यूपीए सरकार के तहत नागरिक उड्डयन मंत्री रहे। 2014 में वह बागपत में लोकसभा चुनाव हार गए थे। 2019 लोकसभा चुनाव में उन्होंने मुजफ्फनगर से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए। पश्चिमी यूपी में चौधरी अजित सिंह जाटों के बड़े नेता माने जाते थे। चौधरी अजित सिंह आईआईटी खड़गपुर से बीटेक पासआउट थे। अजित सिंह ने अमेरिका के इलिनाइस इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी में पढ़ने के बाद 17 साल तक अमेरिका में कॉरपोरेट जगत में काम किया। अजित सिंह पेशे से कम्प्यूटर साइंटिस्ट थे और 1960 के दशक में आईबीएम के साथ काम करने वाले पहले भारतीयों में एक थे।

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