रेलवे की दीवार बनने के साथ बनती जा रही हैं झुग्गियां

रेलवे अधिकारी इस पर ध्यान नहीं देते हैं तो आने वाले समय में झुग्गियों की संख्या और बढ़ सकती है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 09:08 PM (IST) Updated:Wed, 28 Oct 2020 09:08 PM (IST)
रेलवे की दीवार बनने के साथ बनती जा रही हैं झुग्गियां
रेलवे की दीवार बनने के साथ बनती जा रही हैं झुग्गियां

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : नया रेलवे स्टेशन के पास रेलवे लाइन के किनारे बनाई जा रही दीवार झुग्गी वालों को रोकने में नाकाम है। रेल प्रशासन दीवार बनाता जा रहा है और पीछे से झुग्गी भी बनती जा रही हैं। यदि रेलवे अधिकारी इस पर ध्यान नहीं देते हैं तो आने वाले समय में झुग्गियों की संख्या और बढ़ सकती है।

नया रेलवे स्टेशन पर काफी संख्या में झुग्गी-झोपड़ी बनी हुई थी। रेलवे द्वारा झुग्गियों को हटा दिया जाता था, मगर कुछ दिन बाद फिर से झुग्गी बनकर तैयार हो जाती थीं। कुछ लोग रेलवे की भूमि पर अस्थायी दुकान बना लेते थे। दुकान हटाने के कुछ दिन बाद फिर से दुकान लगनी शुरू हो जाती थी। रेलवे द्वारा स्थाई तौर पर अतिक्रमण की समस्या को दूर करने के लिए नया रेलवे स्टेशन से एएलटी फ्लाईओवर तक करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी दीवार बनाई जा रही है। दीवार बनाने का काम करीब 50 फीसद पूरा हो चुका है। दीवार बनाने के बाद भी कबाड़ियों ने प्लेटफार्म के रास्ते से रेलवे की भूमि पर आकर झुग्गियां बनानी शुरू कर दी हैं। अब तक एक दर्जन से ज्यादा झुग्गियां बन चुकी हैं। लगातार झुग्गियों की संख्या बढ़ रही है। दीवार बनाने का भी कबाड़ियों को फायदा हुआ है। कबाड़ी रेलवे की दीवार पर टीनशेड रखकर ही झुग्गी की छत बना रहे हैं।

प्लेटफार्म पर जमाते हैं चौपाल

कबाड़ी झोपड़ी बनाने के बाद स्टेशन पर चौपाल जमाते हैं। रेलवे की भूमि पर कबाड़ जमा करते हैं। इससे स्टेशन की सूरत बिगड़ गई है। ये लोग दिनभर प्लेटफार्म की कुर्सियों पर बैठे रहते हैं। इससे यात्रियों को बैठने की जगह नहीं मिलती। आरपीएफ व जीआरपी भी इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करती। हालांकि दीवार बनने से अस्थायी दुकानों का अतिक्रमण खत्म हो गया है। करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी दीवार बनाई जा रही है। अब अगर कोई अतिक्रमण कर रहा है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आरपीएफ के साथ मिलकर अतिक्रमण हटाया जाएगा।

-संजय सिंह, सीएमआइ

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