जिम्मेदारों की आंखों से ओझल हुए प्रदूषण के हाट स्पाट

हसीन शाह साहिबाबाद हवा की सेहत को खराब कर रहे जिले के 10 हाट स्पाट जिम्मेदारो

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 06:44 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 06:44 PM (IST)
जिम्मेदारों की आंखों से ओझल हुए प्रदूषण के हाट स्पाट
जिम्मेदारों की आंखों से ओझल हुए प्रदूषण के हाट स्पाट

हसीन शाह, साहिबाबाद : हवा की सेहत को खराब कर रहे जिले के 10 हाट स्पाट जिम्मेदारों अफसरों की आंखों से ओझल हो गए हैं। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के निर्देश पर वायु प्रदूषण फैला रहे इन हाट स्पाट को चिह्नित किया गया था। डीएम ने 18 विभागों को नोटिस जारी किये थे। विभाग इन हाटस्पाट पर प्रदूषण को नियंत्रण करने में नाकाम साबित हुए हैं। लापरवाही की वजह से जिला रेड जोन में बना हुआ है। सोमवार को एक्यूआइ 371 दर्ज किया गया, जो एक सप्ताह में सबसे अधिक है।

इन स्थानों को किया गया था चिह्नित

साहिबाबाद, कौशांबी, राज नगर एक्सटेंशन, मेरठ रोड, लोनी, भोपुरा दिल्ली बार्डर, जीटी रोड की दक्षिणी लेन, संजय नगर, वसुंधरा और सिद्धार्थ विहार को हाट स्पाट बनाया गया है। जाम, औद्योगिक इकाइयों से धुएं के उत्सर्जन, कूडा जलाने, कूड़ा निस्तारण, सड़क से उड़ने वाली धूल, रैपिड रेल के कार्य से हो रहे प्रदूषण, खुले में रखी निर्माण सामग्री, निर्माण कार्य के आधार पर इनको हाट स्पाट बनाया था। इन विभागों पर है प्रदूषण को रोकने की जिम्मेदारी

जीडीए, पुलिस, नगर निगम, आवास विकास परिषद, लोक निर्माण विभाग, पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, उत्तर प्रदेश जल निगम, क्षेत्रीय प्रबंधक यूपीसीडा, एनएचएआइ, कृषि विभाग, जिला पंचायती राज विभाग, सेतु निगम, क्षेत्रीय अधिकारी यूपीपीसीबी, संभागीय परिवहन अधिकारी, जिला खान अधिकारी, क्षेत्रीय प्रबंधक यूपी रोडवेज, नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत विभागों पर प्रदूषण को रोकने की जिम्मेदारी है। जिले में बढ़ता प्रदूषण इनकी जिम्मेदारी को बयां कर रहा है। इन वजहों से बढ़ा प्रदूषण

विभागों को निर्माणाधीन परियोजनाओं पर स्माग गन लगाने, अत्याधुनिक मशीनों से सफाई करने, सड़कों पर पानी का छिड़काव करने, सड़कों व अन्य बड़े प्रोजेक्ट के निर्माण में प्रदूषण के रोकथाम के मानकों का पालन कराने, कूड़ा जलाने पर रोक लगाने, खुले में निर्माण सामग्री रखने पर कार्रवाई करने, अवैध फैक्ट्रियों को चिह्नित कर ध्वस्त करने, पटाखा न जलाने, प्रदूषण की शिकायतों के निस्तारण के लिए कंट्रोल रूम बनाने, जाम वाले स्थानों पर पुलिसकर्मी तैनात करने, 10 साल से पुराने डीजल व 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन के संचालन पर रोक लगाने, प्रदूषण फैला रहे वाहनों को सीज करने के निर्देश दिए गए थे। इन निर्देशों का अफसरों ने ठीक से पालन नहीं किया। जिस वजह से प्रदूषण बढ़ता गया।

पांच दिन में प्रदूषण की स्थिति

दिन एक्यूआइ

25 नवंबर : 362

26 नवंबर : 374

27 नवंबर : 366

28 नवंबर : 350

29 नवंबर : 371 शाम चार बजे जिले में क्षेत्रवार एक्यूआइ

क्षेत्र : एक्यूआइ

वसुंधरा : 353

इंदिरापुरम : 364

संजय नगर : 349

लोनी : 415 शाम चार बजे जिलेवार एक्यूआइ

जिला : एक्यूआइ

गाजियाबाद : 371

फरीदाबाद : 275

ग्रेटर नोएडा : 356

गुरुग्राम : 396

नोएडा : 363

दिल्ली : 394 प्रदूषण फैलाने वालों पर हम लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। हाट स्पाट पर संबंधित विभागों को नजर रखनी चाहिए। प्रदूषण को रोकना सभी की जिम्मेदारी

- उत्सव शर्मा, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

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