तीन तलाक कानून का असर, फिर से आबाद होने लगे घर

संवाद सहयोगी लोनी हंगामा करना तो आसान है लेकिन किसी का घर बसाना मुश्किल है। तीन तलाक

By JagranEdited By: Publish:Thu, 30 Jul 2020 08:25 PM (IST) Updated:Thu, 30 Jul 2020 08:25 PM (IST)
तीन तलाक कानून का असर, फिर से आबाद होने लगे घर
तीन तलाक कानून का असर, फिर से आबाद होने लगे घर

संवाद सहयोगी, लोनी: हंगामा करना तो आसान है लेकिन किसी का घर बसाना मुश्किल है। तीन तलाक के मुद्दे पर बहस पर बहस होती रहीं लेकिन इंसाफ तब मिला जब इस पर कानून बन गया। बीते एक साल में तीन तलाक का दंश झेल रहीं महिलाओं को राहत मिलने लगी है। तीन तलाक पर बिल पास होने के बाद टूटे घर फिर से आबाद होने लगे हैं। तीन तलाक बोलकर पत्नियों को ठुकराने वाले युवक अब परामर्श केंद्र में खुद माफी मांगकर रिश्ता जोड़ने की बात कर रहे हैं। तीन तलाक (मुस्लिम महिला-विवाह अधिकार संरक्षण) बिल 30 जुलाई वर्ष 2019 को राज्यसभा में पास हुआ था। इसके अगले दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीन तलाक बिल को मंजूरी दे दी थी। तीन तलाक कानून के तहत दोषी पुरुष को तीन साल की सजा का प्रावधान है। साथ ही पीड़ित महिलाएं अपने और नाबालिग बच्चों के लिए गुजारे-भत्ते की मांग भी कर सकती हैं। सजा के बारे में पता चलने के बाद मामलों की काउंसलिग में आसानी हो गई है। बिल पास होने के बाद कई महिलाओं के टूटे घर फिर से आबाद होने लगे हैं। तीन तलाक बिल आने के बाद से जो शौहर पत्नियों से सिर्फ तलाक देने की मांग करते रहते थे, वे आज खुद समझौते की मांग कर रहे हैं। बिल पास होने के बाद से ऐसे पुरुष महिलाओं के साथ नरमी से पेश आने लगे हैं।

- यासमीन कौसर, महिला उत्थान कार्यकर्ता तीन तलाक बिल आने से पुरुषों का महिलाओं के प्रति नजरिया बदल गया है। जिससे महिलाओं को अब राहत मिलने लगी है। बिल में तीन तलाक देने वाले पतियों को तीन साल की सजा का प्रावधान किया गया है। जिसके चलते कार्रवाई के डर से पुरुषों द्वारा समझौते की कोशिशें होने लगी है।

- नूर निशा, अधिवक्ता

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