पिछले तीन महीने में निस्तारित दर्शायी शिकायतों की होगी जांच, दोबारा होगा निस्तारण

जीडीए के सिगल विडो सिस्टम पर आई शिकायतों और आवेदनों का निस्तारण समय से नहीं हो रहा। वीसी कंचन वर्मा ने समीक्षा में पाया कि अधिकारी खुद रुचि नहीं ले रहे। वह अपना काम लिपिकों पर टाल रहे हैं। बिना वजह शिकायतें और आवेदन लंबित पड़े हुए हैं। उन्होंने भवन भूखंड और व्यवसायिक अनुभाग से संबंधित शिकायतों और आवेदनों के निस्तारण की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 Feb 2020 08:18 PM (IST) Updated:Thu, 06 Feb 2020 08:18 PM (IST)
पिछले तीन महीने में निस्तारित दर्शायी शिकायतों की होगी जांच, दोबारा होगा निस्तारण
पिछले तीन महीने में निस्तारित दर्शायी शिकायतों की होगी जांच, दोबारा होगा निस्तारण

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : जीडीए के सिगल विडो सिस्टम पर आई शिकायतों और आवेदनों का निस्तारण समय से नहीं हो रहा। वीसी कंचन वर्मा ने समीक्षा में पाया कि अधिकारी खुद रुचि नहीं ले रहे। वह अपना काम लिपिकों पर टाल रहे हैं। बिना वजह शिकायतें और आवेदन लंबित पड़े हुए हैं। उन्होंने भवन, भूखंड और व्यावसायिक अनुभाग से संबंधित शिकायतों और आवेदनों के निस्तारण की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए हैं। अपर सचिव को निर्देश दिया है कि लंबित फाइलों का निस्तारण एक सप्ताह में कराया जाए। पिछले तीन महीनों में निस्तारित दर्शायी गई शिकायतों और आवेदनों की जांच कर उनका दोबारा गुणवत्तापूर्ण निस्तारण कराया जाए। जो समय से निस्तारण न करे उसका नाम कार्रवाई के लिए प्रस्तुत किया जाए।

लोगों की परेशानी को कम करने के लिए जीडीए में सिगल विडो सिस्टम की स्थापना की गई थी। उद्देश्य था कि एक जगह पर लोग शिकायतें और आवेदन कर सकें। उन्हें अधिकारियों और बाबुओं के पास अपने काम की फाइल लेकर भटकना न पड़े। इसके लिए सिटीजन चार्टर बनाया गया था। उसमें निर्धारित किया गया था कि कौन सा कार्य कितने वक्त में किया जाए। वीसी ने समीक्षा में पाया कि सिगल विडो सिस्टम में उद्देश्य के मुताबिक काम नहीं हो रहा। पाया कि शिकायतकर्ता को लेखा से सत्यापन, पत्रावली पर विचार करने जैसी टिप्पणी लिखकर निस्तारित दिखाया जा रहा है। लीज डीड, फ्रीहोल्ड रजिस्ट्री का निष्पादन करने के मामलों में आवेदनकर्ता की अर्जी के बावजूद पत्रावलियां लंबित पड़ी हुई हैं। वीसी कंचन वर्मा ने निस्तारित शिकायतों और आवेदनों की समीक्षा में पाया कि अधूरे कार्यवाही करते हुए उन्हें निस्तारित दिखाया गया है। शिकायतकर्ता और आवेदनकर्ता की अर्जी पर पूर्ण काम नहीं किया जा रहा है। उस पर उन्होंने निर्देश जारी किया है।

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