झांसा देकर करा दी तीन लाख प्रीमियम की इंश्योरेंस पॉलिसी

इंश्योरेंस पॉलिसी के नाम पर सीनियर इंजीनियर से तीन लाख रुपये ठग लिए गए। ठगों ने खुद को आइआरडीएआइ(भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिरकण) से बताते हुए पीड़ित की पॉलिसी में फर्जीवाड़ा के बारे में बताया। इसे कैंसल करा पैसा वापस पाने को छह पॉलिसी कराईं और फिर नंबर बंद कर लिए। एसएसपी की जांच के बाद विजयनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 25 Jun 2019 08:53 PM (IST) Updated:Tue, 25 Jun 2019 08:53 PM (IST)
झांसा देकर करा दी तीन लाख प्रीमियम की इंश्योरेंस पॉलिसी
झांसा देकर करा दी तीन लाख प्रीमियम की इंश्योरेंस पॉलिसी

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद: कमीशन के चक्कर में ठगों ने इंश्योरेंस पॉलिसी के नाम पर सीनियर इंजीनियर से तीन लाख सलाना प्रीमियम की पॉलिसी करा दी। ठगों ने खुद को आइआरडीएआइ (भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण) से बताते हुए पीड़ित की पॉलिसी में फर्जीवाड़ा के बारे में बताया। इसे कैंसल करा पैसा वापस पाने को छह पॉलिसी कराईं और फिर नंबर बंद कर लिए। एसएसपी की जांच के बाद विजयनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई है। पहले कैंसल कराई पॉलिसी

क्रॉसिग रिपब्लिक की पैरामाउंट सिफनी सोसायटी में रहने वाले आशुतोष पांडेय नोएडा की एमएनसी में सीनियर इंजीनियर हैं। उन्होंने साल-2015 में बिरला सनलाइफ की एक पॉलिसी कराई थी। अगस्त-2017 में उनके पास राजेश श्रीवास्तव नाम से एक व्यक्ति ने फोन किया। उसने खुद को आइआरडीएआइ से बताते हुए उनकी इंश्योरेंस पॉलिसी के बारे में पूछा। भरोसा दिलाने को उसने पेंशन प्लान और पेंशन प्लान के बॉन्ड के बारे में पूछ लिया। अगले दिन फोन कर बताया गया कि उन्हें इस पॉलिसी में पेंशन लाभ नहीं मिलेगा। साथ ही कहा कि यदि वह आइआरडीएआइ से अपनी उक्त पॉलिसी कैंसल कराते हैं तो रुपये वापस मिल जाएंगे। नहीं तो 90 फीसद तक काट ली जाएगी। इसी बहाने पॉलिसी की सारी जानकारी लेकर आरोपित ने उनकी पॉलिसी कैंसल कर दी। पॉलिसी कैंसल होने के बाद बिरला सनलाइफ कंपनी से रवि वर्मा ने फोन किया तो आशुतोष ने आइआरडीएआइ के अधिकारी के बारे में बताया, जिसके बाद रवि ने फोन काट दिया। रिफंड के नाम पर फंसाया

रिफंड के लिए राजेश ने 52205 रुपये में फ्यूचर जनरली एस्योर्ड मनी बैक प्लान दिलाया। कहा कि इसमें एजेंट कोड लग गया है दूसरी पॉलिसी कराने पर पैसे वापस आएंगे। 30267 रुपये लेकर एचडीएफसी एर्गो की पॉलिसी करा दी। फिर श्वेता शर्मा ने कॉल कर खुद को आइआरडीएआइ के फंड रिलीज विभाग से बताया। उसने कहा कि दोनों पॉलिसी गलत होने के कारण पैसा फ्रीज हो गया है। पहले की पॉलिसी कैंसल करा उसने दुबारा 43100 रुपये लेकर रुपये में फ्यूचर जनरली एस्योर्ड मनी बैक प्लान के तहत तीसरी पॉलिसी कराई। आरोपितों ने चौथी बार जीएसटी कोड न आने की बात कह 40889 रुपये लेकर एक्साइड लाइफ सिक्योर्ड इनकम इंश्योरेंस पॉलिसी कराई और फिर पैन नंबर गलत बता 40 हजार रुपये लेकर रिलायंस फिक्स्ड मनी गारंटीड इंश्योरेंस प्लान दिया। छठी बार श्वेता ने उन्हें अधिक जीएसटी कोड होने का हवाला देकर 52964 रुपये का पीएनबी मेटलाइफ एंडोमेंट प्लान दे दिया। आरोपितों ने सितंबर-2017 से अक्टूबर-2018 तक उनकी छह पॉलिसी कीं। इसके बाद उन्हें प्रीमियम न भरने को कहा गया, लेकिन फरवरी-2019 में एक पॉलिसी के प्रीमियम के रूप में उनके खाते से 42172 रुपये और कट गए।

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