जनपद दूसरा प्रदूषित शहर रहा, एक्यूआइ रहा 441

गाजियाबाद पर लगा सर्वाधिक प्रदूषित शहर होने का दाग धुलने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को भी जनपद देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा। यहां का एक्यूआइ 441 दर्ज किया गया जबकि 449 एक्यूआई के साथ ग्रेटर नोएडा पहले स्थान पर रहा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 11 Dec 2019 06:52 PM (IST) Updated:Thu, 12 Dec 2019 06:03 AM (IST)
जनपद दूसरा प्रदूषित शहर रहा, एक्यूआइ रहा 441
जनपद दूसरा प्रदूषित शहर रहा, एक्यूआइ रहा 441

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद: गाजियाबाद पर लगा सर्वाधिक प्रदूषित शहर होने का दाग धुलने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को भी जनपद देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा। यहां का एक्यूआइ 441 दर्ज किया गया, जबकि 449 एक्यूआइ के साथ ग्रेटर नोएडा पहले स्थान पर रहा।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्माण पर रोक हटाने के बाद निर्माण कार्य शुरू हो गए हैं। इसका असर यह है कि लगातार प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। बुधवार को शहर का एक्यूआइ 441 रहा। इससे सांस के रोगियों को परेशानी उठानी पड़ी। वहीं निर्माण कार्य शुरू होने से विभिन्न जगहों पर धूल उड़ रही है। जिसका सीधा असर प्रदूषण के स्तर पर पड़ रहा है। बुधवार को जनपद का पीएम 10 368 रहा। जबकि पीएम 2.5 440 रहा।

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जगह-जगह जलाया जा रहा कूड़ा: ट्रांस हिडन में प्रदूषण बढ़ने का एक बड़ा कारण यह भी है कि लोग कूड़ा जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। बुधवार को भी वसुंधरा सेक्टर 11 में कुछ लोगों ने कूड़े में आग लगा दी। इसके चलते आसपास के लोग धुएं से परेशान रहे। स्थानीय लोगों ने ही कूड़े पर पानी डालकर आग बुझाई। वहीं निर्माण कार्यों के आसपास भी धूल उड़ती दिखी। शालीमार गार्डन, राजेंद्र नगर आदि इलाके में लगातार बिल्डर निर्माण कार्य कर रहे हैं। नियमों को ताक पर रखकर अवैध फ्लैट तो बनाए ही जा रही हैं, साथ ही प्रदूषण भी फैलाया जा रहा है।

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बुधवार को वायु प्रदूषण का हाल

तत्व स्तर मानक

पीएम 10 368 100

पीएम 2.5 440 60

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