गेहूं, सरसों व मटर की फसल पर मौसम की मार
हापुड़, जागरण संवाद केंद्र :
तापमान के एकाएक बढ़ने से गेहूं, सरसों व मटर की फसल पर रोग व कीट ने धावा का बोल दिया है। जिसमें गेहूं व सरसों की फसल में चेपा (माहू) कीट ने धावा बोला है। वहीं मटर की फसल में पोडरमिंडी रोग ने हमला कर दिया है। जिन पर समय रहते हुए नियंत्रण नहीं किया गया तो तीनों ही फसल काफी प्रभावित हो सकती है।
तापमान बढ़ने से गेहूं, सरसों व मटर की फसल प्रभावित हो रही है। जिसमें इन फसलों पर रोग व कीटों ने धावा बोला है। जिसमें गेहूं व सरसों में चेपा (माहू) कीट तथा मटर की फसल में पोडरमिंडी रोग लग गया है।
कृषि रक्षा इकाई प्रभारी प्रवेश कुमार त्यागी ने कहा कि तापमान अधिक होने पर गेहूं व सरसों की फसल में कई रोग व कीटों का खतरा होता है। त्यागी ने बताया कि यह कीट पत्ती का रस चूसने का कार्य करता है। जिससे पत्तियां तेजी के साथ नष्ट होने लगती है। ऐसा होने से पौधा कुछ समय में ही नष्ट हो जाता है। उक्त कीट पर नियंत्रण करने के लिए किसान सवा लीटर डाईमैथोएट तीस ईसी दवा को छह सौ लीटर पानी में मिलकर प्रति हेक्टेयर फसल पर छिड़काव करे। इसके अलावा किसान मोनोक्रोटोफास, इंडोसल्फान, डाइकलोरोवास 76 प्रतिशत व अमीडाक्लोरपीड 17.8 प्रतिशत दवा का प्रयोग भी कर सकते है। कृषि विशेषज्ञ डा. प्रताप सिंह ने बताया कि मटर की फसल में पोडरमिंडी रोग लगा है। जिससे पत्ती व फली पर सफेद रंग का पाउडर सा जम जाता है। जिससे पौधा कुछ समय बाद ही नष्ट हो जाता है। इस पर नियंत्रण के लिए दवा का प्रयोग करना जरूरी है।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर