पहले दधीचि बन नई राह दिखा गए देशमुख

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद : पांचजन्य के संपादक रह चुके राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रचारक याद

By Edited By: Publish:Sun, 07 Jun 2015 01:06 AM (IST) Updated:Sun, 07 Jun 2015 01:06 AM (IST)
पहले दधीचि बन नई राह दिखा गए देशमुख

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद : पांचजन्य के संपादक रह चुके राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रचारक यादवराव देशमुख गाजियाबाद के पहले पहले दधीचि बन गए। मानव कल्याण की भावना से उन्होंने पिछले साल भारत विकास परिषद के कार्यक्रम में देहदान का संकल्प लिया था। शनिवार की सुबह देहावसान के बाद उनकी इच्छा के अनुसार मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में दधीचि देहदान समिति की ओर से उनकी देह का दान कराया गया।

देहदान की राह पर चलने वाले सैकड़ों लोगों में यादव राव देशमुख सबसे अगुवा बन गए। शनिवार की सुबह देह त्याग करने के साथ ही वे गाजियाबाद के पहले दधीचि बन गए। उनके परिजनों ने अंतिम संस्कार के लिए उनकी देह को श्मशान न ले जाकर मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के हवाले कर उनकी उस इच्छा का सम्मान किया जिसमें उन्होंने अपनी देह का समाज के लिए दान करने का संकल्प लिया था। वैशाली सेक्टर चार के एपेक्स ग्रीन वैली में निवास कर रहे यादव राव देशमुख ने 1947 मे काशी हिन्दु विश्व विद्यालय से स्नातक उपाधि हासिल की। इसके बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक के नाते काशी प्रान्त मिर्जापुर इत्यादि क्षेत्रों में लंबे समय तक काम किया। कई वर्षो तक पान्चजन्य का भी सम्पादन किया । उन्होंने पिछले साल नवंबर में यहां मेवाड़ कॉलेज में आयोजित भारत विकास परिषद के एक कार्यक्रम में उन्होंने अपनी देह के दान का ऐलान किया था। उन्होंने देहदान को मानवता के लिए आवश्यक करार देते हुए अपनी आंखों के भी दान का ऐलान किया था। पत्रकारिता का सबक उन्होंने अपने बेटे यशवंत राव देशमुख को भी सिखाया जो अब सी वोटर कंपनी के कर्ताधर्ता हैं। उनके निधन की जानकारी मिलने पर भारत विकास परिषद और संघ के सैकड़ों कार्यकर्ता वैशाली सेक्टर चार पहुंच गए। संघ के प्रचारक रहने की वजह से उनके शव को अन्तिम दर्शन हेतु पं दीन दयाल शोध संस्थान मे रखा गया है।

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