बसपा सांसद ने रास में उठाया हाईकोर्ट बेंच का मुद्दा

By Edited By: Publish:Wed, 30 Jul 2014 08:55 PM (IST) Updated:Wed, 30 Jul 2014 08:55 PM (IST)
बसपा सांसद ने रास में 
उठाया हाईकोर्ट बेंच का मुद्दा

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : बसपा के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सदस्य नरेंद्र कश्यप ने बुधवार को सदन में पश्चिम उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच का मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार से इसकी स्थापना जल्द से जल्द करने की मांग की।

राज्यसभा में कश्यप ने कहा कि पश्चिम यूपी के लोग देश व प्रदेश के विकास के लिए बड़ी मात्रा में राजस्व व कर का भुगतान करते हैं लेकिन उन्हें अपने मुकदमों की पैरवी के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय जाना पड़ता है। इससे उनका धन व समय बर्बाद होता है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों की सुविधा के लिए सरकार को इस क्षेत्र में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की बेंच स्थापना करने का शीघ्र निर्णय लेना चाहिए। शाम को फोन पर हुई बातचीत में कश्यप ने दैनिक जागरण को बताया कि हाईकोर्ट बेंच के मुद्दे पर राज्यसभा के कई सांसदों क समर्थन मिला।

इससे पूर्व वित्त विधेयक-2014 की चर्चा में भाग लेते हुए बसपा सांसद ने कहा कि देश की कर प्रणाली में बहुत सारे बदलाव की जरूरत है। वरिष्ठ नागरिकों को दो श्रेणी में बांटकर सरकार ने अच्छा संदेश नहीं दिया है। महिला व विकलांग आयकरदाता को कोई खास छूट नहीं दी गई है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं व विकलांगों को पांच लाख तक की आय पर कर में छूट दी जाए। उन्होंने एससी, एसटी व ओबीसी के लोगों की आयकर सीमा को बढ़ाकर दोगुना करने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार चाहे जिस दल की भी रही हो, देश का उतना विकास नहीं हुआ जितना होना चाहिए था। 121 करोड़ लोगों के देश में मात्र तीन प्रतिशत लोग ही आयकर का भुगतान करते हैं। सरकार को चाहिए कि आयकरदाताओं की संख्या बढ़ाने के लिए तहसील स्तर तक आयकर कार्यालयों की स्थापना करवाए।

बसपा सांसद ने काला धन विदेशों से वापस लाने के मामले में भी सरकार को घेरने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि काला धन वापसी का संकल्प कमजोर पड़ता दिखाई दे रहा है। धन कब वापस आएगा, यह जानकारी सरकार ने अभी तक नहीं दी। उन्होंने कहा कि जो काला धन देश के अंदर छुपा है, कम से कम उसे बाहर लाने के लिए सरकार काम कर सकती है। कश्यप ने उत्तर प्रदेश और खासतौर पर बुंदेलखंड के विकास के लिए 80 हजार करोड़ के पैकेज की मांग भी सदन में उठाई।

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