दो साल का इंतजार, धमकी मिलीं, साजिश बरकरार

युवा उद्यमी आदित्य मित्तल हत्याकांड को आज दो साल बीत गए। 22 अगस्त को दोस्तों ने ही फिरौती के लिए अगवा किया और फिर अगले दिन हत्या कर दी। तीन दिन बाद शव बरामद हुआ था। परिजनों को धमकियां मिल रही हैं। इस संबंध में परिजन मुख्यमंत्री से मिलेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Aug 2018 10:56 PM (IST) Updated:Wed, 22 Aug 2018 10:56 PM (IST)
दो साल का इंतजार, धमकी मिलीं, साजिश बरकरार
दो साल का इंतजार, धमकी मिलीं, साजिश बरकरार

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: युवा उद्यमी आदित्य मित्तल हत्याकांड को आज दो साल बीत गए। 22 अगस्त को दोस्तों ने ही उसका अपहण करने के बाद अगले दिन हत्या कर दी। तीन दिन बाद शिकोहाबाद नहर से शव बरामद हुआ तो सुहागनगरी की हर एक आंख नम हो गई थी। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपितों को भी गिरफ्तार कर लिया, लेकिन बेटे की मौत से गमगीन परिजन दो साल से न्याय के लिए भटक रहे हैं। आरोपितों द्वारा परिजनों पर पैरवी न करने को दबाव बनाया जाने से पूरा परिवार टेंशन में है। धमकी के मामले में पुलिस रिपोर्ट दर्ज कर चुकी है, लेकिन आरोपितों की साजिशें अब भी जारी हैं।

सन 2016 में हुए शहर के बहुचर्चित आदित्य मित्तल हत्याकांड से समूचा शहर सन्न रह गया था। प्रमुख उद्योगपति व बिल्डर प्रदीप मित्तल पम्मी के भतीजे और अतुल मित्तल के पुत्र आदित्य की हत्या उसके उन दोस्तों ने की थी, जिनकी गिनती शहर के प्रमुख बिल्डर्स में थी। इस मामले में पुलिस ने पहले रोहन ¨सघल, पवन ¨सघल, अनुज विज एवं अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। बाद में रोहन, पवन सिंघल, पवन कुमार, गोपाल उर्फ रामगोपाल और मुकेश कुमार के खिलाफ गैंगस्टर में मुकदमा पंजीकृत किया और अनुज विज का नाम जांच में बाहर हो गया।

घटना के बाद में आदित्य को न्याय के लिए शहर भर में कैंडल मार्च निकाले तो परिजनों को लगा जल्द न्याय मिलेगा। मगर दो साल इंतजार के बाद भी अब तक परिजनों को न्याय नहीं मिल सका है। आज परिजन खुद दहशत में हैं। उन्हें अपने ही बेटे की हत्या के मामले की पैरवी करने से रोकने के लिए दबाव बनाया जा रहा है और पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। परिजनों का दर्द सही भी है। चार मार्च 2017 आर्चिड ग्रीन के कार्यालय में पीड़ित परिवार को धमकी दिए जाने की रिपोर्ट टूंडला थाने में दर्ज हुई, मगर अब तक आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है। परिजनों की मानें तो गवाही में भी रोड़े अटकाए जा रहे हैं। एक-एक गवाही में छह से सात माह का वक्त लग रहा है। शाहजहांपुर जेल से भी आए धमकी भरे पत्र :

परिजनों को पैरवी के दौरान शाहजहांपुर जेल से भी धमकी भरे पत्र आए। इसकी सूचना भी परिजनों ने पुलिस को दी, जिसमें थाना टूंडला पुलिस जांच कर रही है। इससे पहले 15 नवंबर 2017 को प्रदीप मित्तल को गवाही देने जाते वक्त भी धमकाया गया। इसका मुकदमा थाना मटसेना में दर्ज है। पुलिस ने वापस लिया गनर.

पैरवी के दौरान धमकियां मिलने पर पुलिस ने प्रदीप मित्तल को सुरक्षा के लिए एक गनर दिया था, लेकिन करीब 20 दिन पूर्व इसे भी वापस ले लिया है। मुख्यमंत्री से मिलेगा परिवार:

आदित्य के परिजनों के मुताबिक दो साल पूरे होने के बाद अब भी न्याय का इंतजार है। इस संबंध में परिवार वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर न्याय की गुहार लगाएंगे।

chat bot
आपका साथी