नगला देवा हत्याकांड में रिटायर्ड नेवी अफसर भाइयों समेत तीन गिरफ्तार

पट्टे की जमीन पर फसल को लेकर हुई थी किसान नरेंद्र की गोली मारकर हत्या तीन सगे भाई समेत चार थे नामजद दो देसी पिस्टल बरामद एक की तलाश।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 03 Dec 2020 05:49 AM (IST) Updated:Thu, 03 Dec 2020 05:49 AM (IST)
नगला देवा हत्याकांड में रिटायर्ड नेवी अफसर भाइयों समेत तीन गिरफ्तार
नगला देवा हत्याकांड में रिटायर्ड नेवी अफसर भाइयों समेत तीन गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: एका के गांव नगला देवा में 28 नवंबर की सुबह किसान नरेंद्र की गोली मारकर हत्या के आरोपित चार नामजदों में दो सगे भाइयों समेत तीन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए दो सगे भाई नेवी के रिटायर्ड अफसर हैं, इनके कब्जे से दो देसी पिस्टल बरामद हुई हैं।

गांव में ग्राम समाज की लगभग साढ़े पांच बीघा जमीन को लेकर नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ गुड्डू और रिटायर्ड नेवी इंजीनियर रामनाथ पक्ष के बीच विवाद था। दोनों पक्ष इसका पट्टा अपने नाम बता रहे थे। पिछले साल जमीन पर रामनाथ और उनके भाई सत्यप्रकाश ने फसल की थी, जबकि इस साल गुड्डू ने गेहूं की फसल बो दी थी। 28 नवंबर की सुबह गुड्डू अपने लड़के अभिषेक (14) व पत्नी नीता के साथ खेत पर थे। इस बीच नगला देवा के निवासी रामनाथ और आगरा में रहने वाले उनके भाई सत्यप्रकाश, रूपराम और रामनाथ का बेटा इंद्रेश खेत पर पहुंचे। वहां दोनों पक्षों में विवाद हो गया। आरोप है कि तीनों भाई और भतीजे ने गोली मारकर नरेंद्र की हत्या कर दी। मृतक की पत्नी व बेटे पर भी फायर किया था, जिसमें दोनों बाल-बाल बच गए थे। मामले में तीन सगे भाइयों समेत चार के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था। एसपी ग्रामीण राजेश कुमार ने बताया कि बुधवार सुबह 6.35 बजे एका पुलिस ने सगे भाई रामनाथ, उसके भाई सत्यप्रकाश तथा बेटे इंद्रेश को सुनारी गांव के पास एटा मार्ग से गिरफ्तार किया। रामनाथ और इसके लड़के इंद्रेश के पास से अवैध देसी पिस्टल बरामद की गई। एसपी ग्रामीण ने बताया कि तीसरे आरोपित की तलाश की जा रही है। रूपराम के नाम रायफल और पिस्टल का लाइसेंस है, जिसे निरस्त कराया जा रहा है। वार्ता के समय सीओ जसराना प्रीती सिंह व इंस्पेक्टर एका वीरेंद्र पाल सिंह भी थे। - नेवी से रिटायर्ड हैं तीनों भाई. हत्या में जेल गए रामनाथ वर्ष 1995 में नेवी से मैकेनिकल इंजीनियर व सत्य प्रकाश वर्ष 1988 में नेवी से पेटी अफसर के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। वहीं रूपराम भी नेवी से रिटायर्ड हुए। सत्यप्रकाश अपने परिवार के साथ आगरा रहता था और घटना वाले दिन सुबह से गांव में ही था।

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