जिला जेल में खुला इग्नू का स्पेशल स्टडी सेंटर, कैदी भी ले सकेंगे डिग्री

फीरोजाबाद (जागरण संवाददाता): जिला कारागार में इग्नू का स्पेशल स्टडी सेंटर खोला गया है। अब यहां के कैदी भी डिग्रियां ले सकेंगे। इस व्यवस्था से कैदी भी अपना लक्ष्य हासिल कर सकेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 30 Oct 2018 10:50 PM (IST) Updated:Tue, 30 Oct 2018 10:50 PM (IST)
जिला जेल में खुला इग्नू का स्पेशल स्टडी सेंटर, कैदी भी ले सकेंगे डिग्री
जिला जेल में खुला इग्नू का स्पेशल स्टडी सेंटर, कैदी भी ले सकेंगे डिग्री

फीरोजाबाद (जागरण संवाददाता): जिला कारागार में बंद कैदी इग्नू के स्पेशल स्टडी सेंटर के माध्यम से डिग्री हासिल कर सकेंगे। पहले सत्र के लिए 282 कैदियों ने पंजीकरण कराया है। मंगलवार को डीआइजी जेल संजीव त्रिपाठी और इग्नू के रीजनल डायरेक्टर डॉ. अशोक शर्मा ने फीता काटकर सेंटर का शुभारम्भ किया।

इस अवसर डीआइजी ने कहा कि इग्नू और जेल प्रशासन द्वारा उठाया गया कदम सराहनीय है। अब जिला कारागार को कैदियों के लिए एजूकेशन हब बनाया जा रहा है। इसलिए सभी कैदी इस स्पेशल स्टडी सेंटर का लाभ उठाते हुए इग्नू से डिग्री प्राप्त कर सकते हैं। डॉ. अशोक शर्मा ने कहा कि इस सेंटर पर सभी प्रकार की पुस्तकें उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा।

जेल अधीक्षक मुहोम्मद अकरम खान ने कहा कि शिक्षा समाज में परिवर्तन एवं सुधार का सबसे सशक्त माध्यम है। जेल में निरूद्ध कैदियों को शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराना वरदान साबित होगा। कार्यक्रम का संचालन योगेश शर्मा ने किया। कार्यक्रम के दौरान बीएसए अरविन्द्र पाठक, जिला कार्यक्रम अधिकारी आभा ¨सह, जेलर एल.पी. ¨सह, उपजेलर विजय पांडे आदि मौजूद रहे।

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निरक्षरों को साक्षर बनाने का लिया संकल्प

हम दसवीं कक्षा पास हैं। जिला कारागार में सेंटर खुलने से हम स्वयं भी आगे की पढ़ाई कर सकेंगे और जो महिला कैदी निरक्षर हैं, उन्हें साक्षर बनाने का कार्य करेंगे।

रेनू ----

इग्नू और जिला कारागार द्वारा उठाया कदम सराहनीय है। पुस्तकों का अवलोकन कर दूसरे कैदियों को भी शिक्षा के प्रति जागरुक करेंगे।

रीता ----

दसवीं कक्षा पास हूं, लेकिन एक मामले में सजा काट रहा हूं। अब जेल में रहकर भी आगे की पढ़ाई कर सकेंगे। जो कैदी निरक्षर हैं, उन्हें साक्षर बनाने का प्रयास करेंगे।

फरमान ----

हम सेंटर पर हर रोज तीन से चार घंटे स्टडी करेंगे। उनसे मिली जानकारी हम दूसरे कैदियों को भी बताएंगे। ताकि वह भी पढ़ाई के प्रति जागरुक हो सकें।

विपनेश

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