बच्चों ने खोली पोल, कमरा बंद कर पीटते हैं सर, बनाते हैं मुर्गा

मंगलवार को सदर तहसील में अधिकारी संपूर्ण समाधान दिवस में समस्याएं सुन रहे थे। तभी एक सरकारी स्कूल के बच्चे पहुंचे और बोले सर, हमारे स्कूल में पढ़ाई नहीं होती है, हमें कमरे में बंद कर पीटा जाता है, मुर्गा भी बनाते हैं। इस पर जांच को अधिकारी दौड़े तो शिकायत सच निकली। अब कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Aug 2018 10:17 PM (IST) Updated:Tue, 21 Aug 2018 11:40 PM (IST)
बच्चों ने खोली पोल, कमरा बंद कर पीटते हैं सर, बनाते हैं मुर्गा
बच्चों ने खोली पोल, कमरा बंद कर पीटते हैं सर, बनाते हैं मुर्गा

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: 'सर हमारे स्कूल में पढ़ाई नहीं होती है। हमें पीटा जाता है। कमरा बंद कर लातों से शिक्षक मारते हैं..।' कुछ ऐसा ही दर्द तहसील दिवस में बच्चों की जुबां से फूटा तो यहां बैठे अधिकारी भी चौंक गए। एसडीएम ने खंड शिक्षाधिकारी को स्कूल में भेजा तो जांच में भी कई आरोपों की पुष्टि हुई। इस मामले में खंड शिक्षाधिकारी ने अपनी रिपोर्ट प्रशासन को भेज दी है।

मंगलवार को सदर तहसील में तहसील दिवस में अधिकारी जनता की शिकायतें सुन रहे थे। इसी बीच एक दर्जन बच्चे स्कूल ड्रेस में पहुंचे। अचानक बच्चों को देखकर अधिकारी चौंक गए। उन्हें बुलाकर पूछा गया तो बच्चों का दर्द फूट पड़ा। उच्च प्राथमिक स्कूल ककरऊ में कक्षा 7 के छात्रों ने कहा कि कला की मंहगी किताब के साथ कलर, पैंसिल एवं फाइल शीनू मैडम अपनी दुकान से मंगाती हैं तथा न लाने पर मारती हैं। कक्षा छह के छात्र ने कहा कि सूरज सर मुर्गा बनाते हैं तो दूसरा बोला कमरा बंद कर लातों से पिटाई की जाती है। वहीं एक छात्र ने कान पर तमाचे मारने की शिकायत की। एसडीएम देवेंद्र कुमार ने एबीएसए तरुण कुमार को जांच के लिए भेजा। जांच के दौरान यह भी पता चला कि स्कूल में शिक्षकों के बीच में झगड़े होते हैं, जिससे बच्चे भी आपस में झगड़ते हैं। स्कूल में अभी तक दूध का वितरण न होने की भी जानकारी मिली। एबीएसए ने यहां पर बच्चों के बैग भी चेक किए तो कक्षा आठ में विज्ञान में मात्र दो पाठ पढ़ाने की जानकारी मिली। रेनू दीक्षित एवं दुष्यंत कुमार के शिक्षण की बच्चों ने यहां तारीफ भी की।

हस्ताक्षर कर गायब थे शिक्षक :

निरीक्षण के समय प्रधानाध्यापक सुरेश बाबू शर्मा, शिक्षिका आशा देवी, रेनू देवी, शीनू यादव उपस्थित थे। शाइस्ता बानो के साथ में अनुदेशक निशा कुछ देर बाद पहुंचीं। सूरजपाल ¨सह के संबंध में प्रधानाध्यापक ने कहा कि वह शिकोहाबाद गए हैं, जबकि कुछ देर बाद वह भी आ गए। स्कूल में न मिलने वाले तीनों शिक्षकों के हस्ताक्षर थे। इससे साबित हुआ कि ये हस्ताक्षर करने के बाद गए थे।

-यह भी मिलीं कमियां--

* इस वर्ष समय सारिणी नहीं बनी है तथा पुरानी समय सारिणी फट गई है। इसके अनुसार शिक्षण कार्य नहीं होता है।

* स्कूल खुलने एवं बंद होने की घंटी भी नहीं बजती है।

* कमरे में विज्ञान किट रखी मिली, जिससे पढ़ाना तो दूर, आज तक खोला नहीं गया।

* छात्रों को जूते एवं मौजे अभी तक वितरित नहीं किए हैं।

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