इमाम हुसैन की याद में छलके आंसू, सीनाजनी और मजलिस

शिया समुदाय इमामबाड़ों में मजलिस कर कर्बला-

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Aug 2022 04:00 AM (IST) Updated:Tue, 02 Aug 2022 04:00 AM (IST)
इमाम हुसैन की याद में छलके आंसू, सीनाजनी और मजलिस
इमाम हुसैन की याद में छलके आंसू, सीनाजनी और मजलिस

इमाम हुसैन की याद में छलके आंसू, सीनाजनी और मजलिस

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार चांद दिखते ही शहादत को याद दिलाने वाले मोहर्रम की शुरुआत हो गई है। हजरत इमाम हुसैन और 72 साथियों के शहादत की याद में सुन्नी समुदाय मस्जिद और मदरसों में तकरीर कर रहे हैं। वहीं, शिया समुदाय ने गमगीन माहौल में पहली मोहर्रम की रात को कदीमी रास्तों सैयदवाड़ा से पीलू तले चौराहे तक हाय हुसैन-हाय हुसैन के अल्फाजों के साथ ताजियों का जुलूस निकाला। दो मोहर्रम सोमवार को शिया समुदाय इमामबाड़ों में आला हुसैन की शहादत को याद कर मजलिस कर मातम करते रहे।

नगर के चौधराना, मसवानी, आबूनगर, खलीलनगर, खेलदार, सैयदवाड़ा, पनी, पीरनपुर, अहमदगंज, तुराब अली का पुरवा, अंदौली, सनगांव, अस्ती, बकंधा आदि जगहों पर स्थित मस्जिद व मदरसों में सुन्नी समुदाय ने तकरीर कर कर्बला की शहादत को याद करते रहे। शिया समुदाय में सैयदवाड़ा में यावर मेहंदी, कजियाना में अख्तर हुसैन, अलीगंज किला, महाजरी, चूड़ी वाली गली स्थित इमामबाड़े में मजलिस हुई। किला में अजहर हुसैन, रजा हुसैन, नसीर हुसैन, सुहैल हुसैन, गुफरान हुसैन, अजहर अब्बास, रजी जाफरी, अख्तर हुसैन ने इमामबाड़े में कर्बला की दास्तां को याद किया जिससे अकीदमंद युवा और बुजुर्गों के आंसू छलकते रहे।

फैजाबाद से आए मौलाना ने किया खिताब

नगर के साथ ग्रामीण क्षेत्र स्थित मस्जिद, मदरसा और इमामबाड़ों में कर्बला के शहादत की याद में मजलिस होती रही। थरियांव क्षेत्र के हसवा में फैजाबाद से आए मौलाना माशहदी के साथ मौलाना शाहकार, मौलाना दानिश ने मजलिस में आला हुसैन की शहादत का जिक्र कर यजीद की बुराइयों को बयां किया। इसी प्रकार ललौली, गाजीपुर, हुसेनगंज के साथ खागा व बिंदकी क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय ने शहादत को याद किया।

सच्चाई के रास्ते पर चलें : शहरकाजी

शहर काजी अब्दुल्लाह शहीदुल इस्लाम व काजी-ए-शहर मौलाना कारी फरीदउद्दीन कादरी ने कहा, सच्चाई के लिए हजरत इमाम हुसैन ने कर्बला में अपना सब कुछ कुर्बान कर यही पैगाम दिया कि सच्चाई का रास्ता कभी न छोड़ें। मोहर्रम में भाईचारा व अमन चैन बनाए रखें।

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