टंकियां नहीं बुझा रहीं प्यास, गहराया पानी संकट
जागरण संवाददाता फतेहपुर जल निगम की समूह पेयजल स्कीम मौजूदा समय में धड़ाम हो गयी है। जल
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : जल निगम की समूह पेयजल स्कीम मौजूदा समय में धड़ाम हो गयी है। जल निगम के अधिकार वाली 22 समूह पेयजल परियोजनाएं पूरी क्षमता के साथ नहीं चल पा रही। नतीजा यह है कि करीब 253 गांवों में पीने के पानी के लिए समस्या खड़ी हो गयी है, चूंकि पुरानी स्कीम में शामिल होने के कारण इन गांवों को नई पेयजल योजनाएं स्वीकृत नहीं हो रही। जिससे इन गांवों में बूंद-बूंद पानी की किल्लत हर साल बढ़ती ही जा रही है।
जिले में कुल 42 समूह पेयजल योजनाएं वर्ष 1980 से 90 के बीच स्थापित की गयी। पिछले वर्ष जिला प्रशासन की पहल पर जल निगम ने 20 परियोजनाओं को ग्राम पंचायतों के हैंडओवर कर दिया था। लेकिन अब भी 22 परियोजनाएं जल निगम के ही अधिकार पर संचालित हो रही। जो ग्राम पेयजल टंकिया ग्राम पंचायतों को हैंडओवर हो गयी है उनमें पिछले वर्ष 14 वें वित्त से मेंटीनेंस के लिए धन खर्च कर सुधार किया गया है, लेकिन जो परियोजनाएं जल निगम के अधिकार पर हैं वहां अब भी बजट का संकट है। निर्माण वर्ष में जल निगम ने इन परियोजनाओं में पानी की टंकी, पंप हाउस, शामिल गांवों में पाइप लाइन, बिछाकर घर-घर पेयजल कनेक्शन दिए गए थे, लेकिन चंद वर्षो में ही पाइप लाइनें लीकेज होने लगी और रखरखाव न होने के कारण लीकेज के चलते जगह-जगह पाइप लाइन ध्वस्त हो गयी। आलम यह है कि जिन गांवों में टंकी बनी है वहां के कुछ हिस्से को तो मौजूदा समय में पानी मिल रहा है, लेकिन टंकियों से जुडे समूह वाले गांवों में पानी जाना बंद हो गया। यह टंकियां पूरी तरह से धड़ाम
असोथर की समूह पेयजल योजना से कस्बा, खदरहा, बाबातारा, कठौता, विधातीपुर, कौंडर, बौंडर, रानीपुर, हरनवा, प्रताप नगर को पेयजल की आपूर्ति मिलती थी, लेकिन मौजूदा समय में यह टंकी केवल कस्बे के 25 फीसदे हिस्से को ही पानी पिला रही है। अन्य गांवों में वर्षों से पानी गया ही नही। इसी तरह मुरांव की पानी टंकी करीब एक दशक से बंद है चूंकि यहां का ट्रांसफार्मर चोरी हो गया था, जिसके बाद आज तक नहीं लगा। जिससे इससे जुड़े गांव पानी के लिए तरस रहे है। ऐसा ही हाल रामपुर थरियांव, मोहम्मदपुर गौती, अमौली, गाजीपुर का है। क्या बोले जिम्मेदार..
हमारे अधिकार वाली 22 समूह पेयजल योजनाएं है, हम इनका मेंटीनेंश नहीं करा पाए हैं, जिसके चलते यह पूरी क्षमता के साथ नहीं चल रही है। हमने शासन से बजट की मांग कर रखी है। बजट आते ही हम इनका मेंटीनेंश करेंगे और इन टंकियों से जुड़े करीब ढाई सौ गांवों में भरपूर पानी पहुंचाएंगे। लेकिन बजट न मिलने तक हम इन्हें जैसे है वैसे ही चलाएंगे।
- एसके वर्मा, एक्सईएन जलनिगम