अब आपके पशु की मौत पर मुआवजा देगी बीमा कंपनी

जागरण संवाददाता फतेहपुर बढ़ती महंगाई में पशुपालन भी चुनौती बन गया है लेकिन किसान पशु पालन के जरिए अपनी आय बढ़ा सकें इसके लिए सरकार भी पूरा सहयोग कर रही है। अब पशुओं का भी जीवन बीमा होगा और किसी प्रकार से होने वाली पशु हानि पर बीमित पशु का मुआवजा बीमा कंपनी देगी। खास बात यह है कि एक पशु का तीन वर्ष के लिए बीमा होगा जिसकी प्रीमियम राशि में 75 फीसद धनराशि सरकार बीमा कंपनी को अनुदान के रूप में देगी। पशुपालक को बीमित पशु के प्रीमियम में मात्र 25 फीसद अंशदान जमा करने पर बीमा का लाभ मिलेगा। अभी तक पशु पालक की गाय भैंस बैल या अन्य छोटे जानवर दैवीय आपदा या बीमारी से मर जाते थे तो उन्हें पेट दबाकर संतोष करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं था। दैवी आपदा से मरे पशुओं में भले ही तीन से पांच हजार का मुआवजा मिलता था लेकिन पशु चोरी होने या बीमार होकर मरने में कोई लाभ नहीं मिलता था।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 21 Jun 2020 10:18 PM (IST) Updated:Sun, 21 Jun 2020 10:18 PM (IST)
अब आपके पशु की मौत पर मुआवजा देगी बीमा कंपनी
अब आपके पशु की मौत पर मुआवजा देगी बीमा कंपनी

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: बढ़ती महंगाई में पशुपालन भी चुनौती बन गया है, लेकिन किसान पशु पालन के जरिए अपनी आय बढ़ा सकें इसके लिए सरकार भी पूरा सहयोग कर रही है। अब पशुओं का भी जीवन बीमा होगा और किसी प्रकार से होने वाली पशु हानि पर बीमित पशु का मुआवजा बीमा कंपनी देगी। खास बात यह है कि एक पशु का तीन वर्ष के लिए बीमा होगा, जिसकी प्रीमियम राशि में 75 फीसद धनराशि सरकार बीमा कंपनी को अनुदान के रूप में देगी। पशुपालक को बीमित पशु के प्रीमियम में मात्र 25 फीसद अंशदान जमा करने पर बीमा का लाभ मिलेगा।

अभी तक पशु पालक की गाय, भैंस, बैल या अन्य छोटे जानवर दैवीय आपदा या बीमारी से मर जाते थे तो उन्हें पेट दबाकर संतोष करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं था। दैवी आपदा से मरे पशुओं में भले ही तीन से पांच हजार का मुआवजा मिलता था, लेकिन पशु चोरी होने या बीमार होकर मरने में कोई लाभ नहीं मिलता था। चूंकि की महंगाई के दौर में गाय 40 हजार और भैंस पचास हजार कीमत तक मिलती है। इस लिए सरकार ने बीमा की राशि भी यही रखी है। अब उक्त बीमा कराने में किसी भी तरह का नुकसान होने पर क्लेम पशुपालक को मिलेगा।

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कैसे होगी बीमा की प्रक्रिया

-आप पशु पालक हैं और अपने पशु का बीमा कराना चाहते हैं तो आपको अपने नजदीक के पशु चिकित्सा केंद्र में जाना होगा। पशु चिकित्सा अधिकारी आपके घर आएगा और आपके पशु को देखकर का उसके लिए बीमा की राशि तय करेगा। बीमित राशि पर आपकी सहमति मिलने पर पशु चिकित्सा अधिकारी आपका फार्म भरे और आपके पशु के साथ आपकी एक फोटो खींचेगा। इसके बाद बीमा की रसीद देकर आपसे प्रीमियम का 25 फीसद अंश लेगा। आपके पशु में एक विशेष टैग लगा देगा। बस हो गया आपके पशु का बीमा।

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इस वर्ष 700 पशुओं को बीमित करने का लक्ष्य

-पशु पालकों को इस योजना का लाभ मिले इसके लिए इस बार पशुधन बीमा योजना के तहत जिले को 700 पशुओं का लक्ष्य मिला है। इस वर्ष केवल इतने ही पशुओं का बीमा होगा। लक्ष्य की पूर्ति पहले आओ पहले पाओ के सिद्धांत पर की जाएगी। पशुपालक बड़े जानवरों में गाय, भैंस, बैल, गधा, घोड़ा, खच्चर आदि का बीमा करा सकते हैं। जबकि छोटे जानवर जैसे बकरी, मुर्गी, आदि का बीमा दस पशुओं को एक इकाई मानते हुए बीमा किया जाएगा।

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-पशुपालकों के लिए पशुधन योजना प्रारंभ हुई है, जिले में किसान इस योजना का लाभ उठा सकें इसके लिए उन्हें अवसर दिया गया है। जो भी किसान अपने पशु का बीमा कराएगा, उसे तीन साल में एक बार ही प्रीमियम जमा करना होगा। भैंस के बीमा में किसान अंश 750 रुपये हैं जबकि गाय व अन्य जानवरों में यह राशि और कम है। - आरके शर्मा, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी

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