महिला किसान बनाएंगी फसलों से उत्पाद, बनेगा एफपीओ

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रशासन अब किसानों को बेहतर फसल

By JagranEdited By: Publish:Thu, 03 Jan 2019 11:59 PM (IST) Updated:Thu, 03 Jan 2019 11:59 PM (IST)
महिला किसान बनाएंगी फसलों से उत्पाद, बनेगा एफपीओ
महिला किसान बनाएंगी फसलों से उत्पाद, बनेगा एफपीओ

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रशासन अब किसानों को बेहतर फसल उत्पादन के साथ खुद का उत्पाद तैयार करने का गुर सिखाएगा। इसके लिए कृषि विभाग की देखरेख में 250 महिला किसानों को लेकर फार्मर प्रोड्यूसर आर्गनाइजेशन (एफपीओ) बनाया जा रहा है। इस एफपीओ से जुड़ी महिलाएं जनपद की प्रमुख फसलों के जरिए खुद का उत्पाद तैयार करेंगी। जिसकी बिक्री देशभर के बाजारों में की जाएगी। प्रथम चरण में यमुना बेल्ट की दलहन फसलों को प्रसंस्करण के लिए चयनित किया गया। जिसमें अरहर, उड़द, मूंग और चना की फसलें शामिल है।

यमुना बेल्ट में दलहनी फसलों की अच्छी पैदावार है लेकिन फसल पैदा होने पर किसान इन्हें सीधे बाजार में बिक्री कर देते हैं, जिसके चलते उन्हें अधिक मुनाफा नहीं होता। अब प्रशासन इन फसलों का प्रसंस्करण कराएगा। जैसे अरहर से पालिश युक्त दाल बनेंगी, जिसकी पै¨कग की जाएगी। इसके लिए नाबार्ड के सहयोग से एफपीओ के लिए मिनी दाल मिल लगवाई जाएगी। इसी तरह चना से बेसन व बेसन युक्त खाद्य पदार्थ बनाए जाएंगे। प्रशासन की यह सोच सफल रही है तो जिले में महिला किसानों के एफपीओ को विस्तार देने के साथ ही उनसे अन्य फसलों के प्रसंस्करण के जरिए उत्पाद तैयार किए जाएंगे। प्रशासन के इस प्रयास से जिले में खेती किसानी को नयी उड़ान मिलेगी और किसान तरक्की की राह पर आगे बढ़ सकेंगे। कंपनी एक्ट के तहत बनने जा रहे महिला किसानों के एफपीओ का निर्माण भी नाबार्ड से¨लक करके किया जाएगा, जिससे इसके बनाने में किसानों की नहीं बल्कि नाबार्ड की पूंजी खर्च होगी। इस लिए हो रहे है प्रयास..

-कृषि खाद्य उत्पादों के भंडारण, परिवहन और प्रसंस्करण के लिए मूल संरचना का विकास करना।

-घरेलू और विदेशी दोनों स्त्रोतों से आधुनिक प्रौद्योगिकी को कार्य में लगाना।

-प्राथमिक कृषि उत्पादों तथा प्रसंस्करण उद्योग के अपशिष्ट और कृषि अवशेषों को क्षमता पूर्वक उपयोग करना।

-उत्पाद और प्रक्रिया विकास और विकसित पैके¨जग के लिए खाद्य प्रसंस्करण में अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहित करना।

-मूल्यवर्धित निर्यातों का संवर्धन करने के लिए नीतिगत सहायता, संवर्धनात्मक पहलों और भौतिक सुविधाएं प्रदान करना।

-खेत से उपभोक्ता तक आपूर्ति श्रृंखला में सभी अंतरालों को भरने के लिए महत्वपूर्ण मूल संरचना का सृजन। क्या बोले जिम्मेदार..

जिला अधिकारी के मार्गदर्शन में हम महिला किसानों का एफपीओ बना रहे है, ताकि उत्पादन का प्रसंस्करण करके किसानों की दशा व दिशा बदली जा सके। इसके लिए हमने नाबार्ड का सहयोग लिया है। 250 महिला किसानों को जोड़कर हम नया प्रयोग करने जा रहे हैं। सफल रहा तो और एफपीओ बनाकर जिले में कृषि को ऊंची उड़ान दी जाएगी। -एके पाठक उप निदेशक कृषि प्रसार

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