न्याय पाने को चौखट नापते फरियादी, जांच को नहीं पहुंच रहे अफसर

केस एक - हथगाम विकास खंड के इटैली गांव निवासी जयशंकर तिवारी आदि ने ग्राम प्रधान के खिलाफ

By JagranEdited By: Publish:Sun, 29 Nov 2020 06:12 PM (IST) Updated:Sun, 29 Nov 2020 06:27 PM (IST)
न्याय पाने को चौखट नापते फरियादी, जांच को नहीं पहुंच रहे अफसर
न्याय पाने को चौखट नापते फरियादी, जांच को नहीं पहुंच रहे अफसर

केस एक - हथगाम विकास खंड के इटैली गांव निवासी जयशंकर तिवारी आदि ने ग्राम प्रधान के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत जुलाई में थी। डीएम संजीव सिंह ने 27 जुलाई को अनियमितता जांचने के लिए उपायुक्त स्वत: रोजगार को नामित किया था। बावजूद चार माह बीत गए उपायुक्त स्वत: रोजगार गांव की जांच करने नहीं पहुंचे। जांच हो और दोषी सचिव व प्रधान को सजा मिले इसके लिए शिकायत कर्ता अफसरों की चौखट नाप रहा है। केस दो - शिकायत कर्ता धर्मेश ने तीन माह पहले डीएम से शपथ पत्र देकर ग्राम प्रधान द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की शिकायत की थी, डीएम ने यहां की जांच के लिए जिला विकास अधिकारी को जांच अधिकारी नामित किया गया था। धर्मेश के अनुसार वह बार-बार अफसरों की चौखट नाप रहा है, लेकिन कोई जांच करने ही नहीं पहुंच रहा है। वह जांच अधिकारी से भी 15 बार मिल चुका है, इसके बाद भी जांच शुरू नहीं हुई। जागरण संवाददाता, फतेहपुर: ग्राम पंचायतों में राज्य वित्त एवं 14 वित्त की धनराशि खर्च करने में मानक और नियम ताक पर हैं। अनेक ग्राम पंचायत ऐसी हैं, जहां इस सरकारी धन का खूब दुर्पयोग किया गया है। करीब 85 प्रधानों के खिलाफ जांच भी प्रचलित है। दरअसल इनके भ्रष्टाचार का खुलासा इन्हें के गांव के लोगों ने शपथ पूर्वक करके पोल खोली है। अंधेर यह है कि महीनों से यह जांच पूरी ही नहीं हो रही है और शिकायत कर्ताओं की चप्पल अफसरों की चौखट नापते-नापते घिस गयी है।

मौजूदा वित्तीय वर्ष में प्रशासन अब तक 13 ग्राम प्रधानों के खिलाफ गड़बड़ी करने के मामले पर कार्रवाई कर दी है, लेकिन अब भी 85 ग्राम पंचायतों में जांच अधूरी होने के कारण कार्रवाई नहीं हो पा रही है। ऐसा नहीं कि उच्च अधिकारियों ने इन शिकायतों पर जांच के आदेश नहीं दिए लेकिन अंधेर यह है कि डीएम व सीडीओ के आदेश के बाद भी नामित अधिकारी जांच पूरी नहीं कर पा रहे हैं। नाम न छापने की शर्त पर एक जांच अधिकारी ने बताया कि जांच में विलंब का मुख्य कारण पंचायत सचिव व पंचायती राज विभाग कार्यालय द्वारा समय पर दस्तावेज उपलब्ध न कराना है। उधर जिला पंचायत राज अधिकारी अजय आनंद सरोज ने कहा कि जिन जांच अधिकारियों द्वारा दस्तावेज मांगे गए उन्हें दूसरे दिन ही दस्तावेज दिया गया है।

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