भदसरी पहुंचे डीएम, कानूनगो समेत पांच निलंबित

जागरण टीम फतेहपुर: बुधवार की सुबह डीएम आंजनेय कुमार ¨सह अचानक गंगा किनारे के परिष

By JagranEdited By: Publish:Wed, 09 Jan 2019 11:04 PM (IST) Updated:Wed, 09 Jan 2019 11:04 PM (IST)
भदसरी पहुंचे डीएम, कानूनगो समेत पांच निलंबित
भदसरी पहुंचे डीएम, कानूनगो समेत पांच निलंबित

जागरण टीम फतेहपुर: बुधवार की सुबह डीएम आंजनेय कुमार ¨सह अचानक गंगा किनारे के परिषदीय स्कूलों का निरीक्षण करने पहुंच गए, जमरांवा, मिर्जापुर भिटारी व भदसरी समेत अलग-अलग 14 स्कूल देखे। कमजोर छात्र संख्या पर बीएसएस शिवेंद्र प्रताप को फटकार लगाई। भदसरी प्राइमरी में चार शिक्षकों के बीच मात्र पांच बच्चों की उपस्थित पर इस विद्यालय को बंद कर दूसरे स्कूल से संबद्ध करने का निर्देश दिया। भदसरी गांव में सड़क, नाली, पेयजल, प्रकाश आदि के लिए पिछले दस वर्ष से काम न होने और गांव में अवैध कब्जों कानूनगो राधेश्याम बाजपेई, लेखपाल राजकुमार पाल, चंद्रकुमार, पंचायत सचिव सत्येंद्र कुमार व यहां तैनात सफाई कर्मी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।

पूरे निरीक्षण के दौरान डीएम का मुख्य फोकस भदसरी गांव व उस पंचायत के जुड़े मजरे रहे। उन्होंने यहां की प्रधान शकुंतला शुक्ला (मां पूर्व प्रमुख राजेंद्र शुक्ला) के अधिकार सीज कर कमेटी गठित करने के निर्देश डीपीआरओ अजय आनंद सरोज को दिया। मिर्जापुर भिटारी के प्रधान व लेखपाल ने मिलकर तालाब पर ही अनेक लोगों को कब्जा दे दिया है। यहां के प्रधान के भी अधिकार छीनकर कमेटी गठन के निर्देश दिए। जिलाधिकारी के औचक निरीक्षण से पंचायत स्तर के कर्मचारियों में दहशत रही। हर कोई कार्रवाई को लेकर चर्चा करता रहा। बीडीओ से मांगी रिपोर्ट, लगेगा गुंडा एक्ट

डीएम ने पूर्व प्रमुख राजेंद्र शुक्ला को लेकर हाल ही में क्षेत्र पंचायत की बैठक में हंगामा व असलहा लेकर प्रतिभाग करने की रिपोर्ट बीडीओ ऐश्वर्य यादव से मांगी और गुंडा एक्ट के तहत इनके खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया। एकाएक पूर्व प्रमुख पर कार्रवाई व प्रशासन की घेराबंदी बुधवार को पूरे जिले में चर्चा का विषय रही। कोटे के राशन में गंदगी देख सीज किया राशन

डीएम भदसरी के मजरे भगला का पुरवा भी पहुंचे यहां कोटेदार केशरी नारायण द्वारा कोटे का अनाज वितरित किया जा रहा था। डीएम ने अनाज में गंदगी पर राशन सीज कर दिया और डीएसओ अंजनि ¨सह को जांच का निर्देश दिया। डीएम अपने साथ कोटे के रजिस्टर और चाभी भी ले गए। बाद में जिलापूर्ति अधिकारी ने यहां जांच के बाद कोटेदार को रजिस्टर व चाभी लौटा दी।

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