3 मौरंग पट्टंों के खनन पर रोक
फतेहपुर, जागरण संवाददाता : मौरंग खनन के खेल पर हाईकोर्ट ने चाबुक चलाना शुरू कर दिया है। शासन की मिली
फतेहपुर, जागरण संवाददाता : मौरंग खनन के खेल पर हाईकोर्ट ने चाबुक चलाना शुरू कर दिया है। शासन की मिली भगत से अतिरिक्त समय लेकर जिले में चलाए जा रहे तीन पट्टों के खनन पर हाईकोर्ट ने तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। जिसमें तिंदवारी (बांदा) के कांग्रेस विधायक दलजीत सिंह का संगोली मडईयन घाट भी शामिल है। हाईकोर्ट के आदेश पर डीएम ने खनन विभाग को तीनों पट्टों पर खनन रोकने के निर्देश दिए हैं।
यमुना के पांच घाटों में ग्यारह पट्टों पर इस समय खनन कराया जा रहा है। विभाग की मिली भगत से सभी घाटों में अवैध खनन भी किया जा रहा है। बताते है कि पोकलैंड मशीन लगाकर यमुना की धार से खनन कर माफियाओं ने मौरंग डंप कर ली है। रायल्टी की चोरी कर निर्धारित मानक से कई गुना घनमीटर का खनन घाटों में किया गया है। माफियाओं ने होशियारी यह की है कि यमुना की मुख्य धार से मौरंग की निकासी की हैं। पानी आ जाने के बाद विभाग निकाली गई मौरंग की नांप-जोख भी नहीं कर सकता है। समय सीमा समाप्त होने के बाद भी खागा तहसील के संगोलीपुर मडइयन, कोर्रा के भूखंड पांच व अढ़ावल के भूखंड ए-9 पर खनन इस आधार पर कराया जा रहा था कि शासन ने इन पट्टों पर अतिरिक्त समय दे दिया है। मौरंग व्यवसायी प्रदीप, सभाजीत ने हाईकोर्ट में याचिका कर कहा कि अतिरिक्त समय देकर पट्टाधारकों को अवैध खनन की छूट दे दी गई है। आंवटित स्थल व मात्रा से अधिक का खनन हो गया है, इसके बाद भी पट्टा संचालन का समय बढ़ाना साजिश का संकेत दे रहा है। हाईकोर्ट ने खनन पर रोक के आदेश देते हुए प्रदेश शासन से इस बात का जवाब मांगा है कि किस नियम से तहत अतिरिक्त समय दिया गया। खनन निरीक्षक एसके सिंह ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश पर तीनों पट्टों पर खनन रोक दिया गया है। शासन की ओर से कोर्ट में जवाब लगाने के बाद अनुमति मिली तो खनन शुरू कराया जाएगा।
लोकायुक्त ने मांगा रिकार्ड
अवैध खनन व वीआईपी वसूली की शिकायत की जांच कर रहे लोकायुक्त ने जिले के घाटों को भी जांच के दायरे में ले लिया है। लोकायुक्त ने डीएम से खनिज संपदा से हासिल रायल्टी और इस अंतराल में जारी किए गए एमएम-11 का रिकार्ड मांगा है। दस मार्च तक डीएम को पांच साल का व्यौरा देना है।