ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार की सुरक्षा के साथ टाइमपास का जरिया बने कुत्ते

जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में भी कुत्ते पालने का शौ

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Nov 2020 07:40 PM (IST) Updated:Wed, 04 Nov 2020 07:40 PM (IST)
ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार की सुरक्षा के साथ टाइमपास का जरिया बने कुत्ते
ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार की सुरक्षा के साथ टाइमपास का जरिया बने कुत्ते

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में भी कुत्ते पालने का शौक बढ़ गया है। लोग मंहगी विदेशी ब्रीड खरीदकर पाल रहे हैं। वफादारी की मिसाल कायम करने वाले कुत्ते अपने मालिकों की रखवाली के साथ ही उनका मनोरंजन भी करते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में तैनात चिकित्सक भी उनके बीमार पड़ने पर इलाज करने में रुचि लेते हैं। सरकारी अस्पतालों में भी अब इनके लिए दवाएं मंगाने की व्यवस्था की जा रही है।

कमालगंज क्षेत्र के शेखपुर निवासी रवी दुबे ने बताया कि उन्होंने कस्बा में एक व्यक्ति के यहां कुत्ता पला देखा था। उसकी वफादारी देखकर उन्होंने भी कुत्ता पालना शुरू किया। लॉकडाउन के दौरान वह कानपुर से जर्मन शैफर्ड का जोड़ा 50 हजार रुपये में खरीद कर लाए थे। उस समय उनकी उम्र एक माह की थी। उन्होंने बच्चों की तरह निप्पल से दूध पिलाकर उन्हें पाला है। उनके घर के छोटे बच्चे व अन्य स्वजन भी उन्हीं के साथ खेलकर अपना टाइम पास करते हैं। कमालगंज पशु चिकित्सालय में तैनात चिकित्सक रमेश शाक्य का कहना है कि पहले ग्रामीण क्षेत्रों में विदेशी ब्रीड के कुत्ते बहुत कम देखने को मिलते थे। कुछ माह में इनकी तादाद बढ़ी है। छोटे-छोटे कस्बों में इनको स्वस्थ रखने के लिए दवाएं व खानपान की सामग्री मिल जाती है। बीमार होने पर उनके पास सूचना आती है तो वह मौके पर जाकर उनका इलाज करते हैं।उन्होंने बताया कि अभी तक अस्पतालों में बड़े पशुओं की दवाएं उपलब्ध होती थीं। अब कुत्ता, बिल्ली, बंदर व खरगोश आदि की दवाएं मंगाने के लिए पत्र भेजा गया है।

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