मिनी बैंक में 70 लाख का घोटाला, एफआइआर का निर्देश

संवाद सहयोगी कायमगंज किसान सेवा सहकारी समिति कायमगंज दक्षिणी की मिनी बैंक में 70 लाख से अधिक के गबन व घोटाले में जांच बाद जांच अधिकारी ने दोषियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने को कोतवाली मे चार माह पहले तहरीर दी थी लेकिन मामला दबा रहा। समिति अध्यक्ष ने जिलाधिकारी को पत्र देकर मामले की गंभीरता व वस्तुस्थिति से अवगत कराया। डीएम ने प्रभारी निरीक्षक से एफआईआर दर्ज करने को कहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Jun 2019 07:23 PM (IST) Updated:Tue, 18 Jun 2019 07:23 PM (IST)
मिनी बैंक में 70 लाख का घोटाला, एफआइआर का निर्देश
मिनी बैंक में 70 लाख का घोटाला, एफआइआर का निर्देश

संवाद सहयोगी, कायमगंज : किसान सेवा सहकारी समिति कायमगंज दक्षिणी की मिनी बैंक में 70 लाख से अधिक के गबन व घोटाले में जांच के बाद जांच अधिकारी ने दोषियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने को कोतवाली में चार माह पहले तहरीर दी थी, लेकिन मामला दबा रहा। समिति अध्यक्ष ने जिलाधिकारी को पत्र देकर मामले की गंभीरता व वस्तुस्थिति से अवगत कराया। डीएम ने प्रभारी निरीक्षक से एफआइआर दर्ज करने को कहा है।

सहकारी समिति के अध्यक्ष सुशील राजपूत ने जिलाधिकारी को पत्र देकर कहा कि समिति के पूर्व अध्यक्ष अरविद यादव व पूर्व सचिव श्याम सिंह पर लगे आरोपों की जांच के बाद पूर्व सचिव को निलंबित कर दिया गया था। निलंबन के बाद की गई जांच में गबन आदि के मामलों में दोषियों के खिलाफ अपर सहकारी अधिकारी विनोद कटियार ने 13 फरवरी को मुकदमा दर्ज कराने को तहरीर दी थी, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अध्यक्ष ने बताया कि तहरीर में स्पष्ट था कि उक्त सहकारी समिति की मिनी बैंक में खाताधारकों के जमा धन व अन्य मदों के धन सहित 70.84 लाख से अधिक रुपये का गबन हुआ है। जिसमें समिति के तत्कालीन प्रबंध निदेशक-सचिव श्याम सिंह को मुख्य रूप से आरोपित किया गया था। साथ ही तत्कालीन सहायक आयुक्त व सहायक निबंधक (सहकारिता), जिला सहकारी बैंक के महाप्रबंधक तथा आडिट टीम को भी सहयोग करने में दोषी ठहराया गया था। तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक ने यह कहकर एफआइआर दर्ज नहीं की थी कि नियमानुसार वह पहले अपने उच्चाधिकारियों से अनुमति प्राप्त करेंगे। उसी आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी। तभी से यह प्रकरण लंबित पड़ा है। जिलाधिकारी मोनिका रानी ने प्रभारी निरीक्षक जेपी शर्मा को बुलाकर इस मामले में पूछा। उन्होंने बताया कि पहले दी गई तहरीर के बारे में जानकारी नहीं है। तब वह यहां नहीं थे। जिलाधिकारी ने मामले की गंभीरता देखते हुए एफआइआर दर्ज करने का निर्देश दिया।

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