Farrukhabad News: मवेशी पकड़ने गई युवती के साथ दुष्कर्म के दोषी को सात वर्ष का कारावास, 13 साल तक चला मुकदमा
पीड़ित पक्ष ने 2009 में थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें कहा था कि उनका बकरा खूंटे से खुलकर भाग गया था। पुत्री बकरे को पकड़ने गई थी। इसी दौरान इरशाद उर्फ लालू ने उनकी पुत्री को पकड़ लिया और मकान में खींचकर दुष्कर्म किया।
फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता। मवेशी पकड़ने गई अनुसूचित जाति की युवती के साथ दुष्कर्म करने व शिकायत करने पर हमला करने के आरोप में 13 वर्ष पूर्व 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। इस मामले में एससीएसटी न्यायालय के विशेष न्यायाधीश महेंद्र सिंह ने एक अभियुक्त को दोषी करार देते हुए सात वर्ष की कैद व 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
नवाबगंज क्षेत्र निवासी ग्रामीण ने 26 मई 2009 को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें कहा था कि उनका बकरा खूंटे से खुलकर भाग गया था। पुत्री बकरे को पकड़ने गई थी। इसी दौरान गांव सिरमौरा बांगर निवासी इरशाद उर्फ लालू ने उनकी पुत्री को पकड़ लिया और मकान में खींचकर दुष्कर्म किया।
दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने सुनाया फैसला
जब वह घटना की शिकायत करने आरोपित के घर गए तो इरशाद के स्वजन ने जातिसूचक गालियां देकर मारपीट की। न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल होने के बाद न्यायाधीश ने सुनवाई के दौरान विशेष लोक अभियोजक अशोक कटियार, एडीजीसी अनुज प्रताप सिंह व बचाव पक्ष की दलीलें सुनी।
इसके बाद न्यायाधीश ने इरशाद को दोषी करार देते हुए दुष्कर्म में सात वर्ष की कैद, 20 हजार रुपये जुर्माना, धमकी देने में एक वर्ष की कैद चार हजार रुपये जुर्माना व अनुसूचित जाति जनजाति उत्पीड़न में एक वर्ष का कारावास व एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
जुर्माना अदा न करने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद के भी आदेश दिए गए हैं। वहीं साक्ष्य के अभाव में शेर मोहम्मद, शकीला बेगम, अफरोज, सिराज मोहम्मद व रुखसाना को बरी कर दिया गया। मुकदमा विचारण के लिए चार आरोपितों की पत्रावलियां पृथक कर किशोर न्याय बोर्ड को भेज दी गईं।