उधार की गिट्टी से बरेली-इटावा हाईवे पर 'पैबंद'

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : जिले से गुजरने वाले महत्वपूर्ण बरेली-इटावा हाईवे की कलई बा

By JagranEdited By: Publish:Tue, 25 Sep 2018 07:54 PM (IST) Updated:Tue, 25 Sep 2018 07:54 PM (IST)
उधार की गिट्टी से बरेली-इटावा हाईवे पर 'पैबंद'
उधार की गिट्टी से बरेली-इटावा हाईवे पर 'पैबंद'

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद :

जिले से गुजरने वाले महत्वपूर्ण बरेली-इटावा हाईवे की कलई बारिश ने खोल कर रख दी। गै¨सगपुर से लेकर खिमसेपुर तक करीब आठ किलोमीटर सड़क के नाम पर बस गड्ढों की लंबी श्रृंखला ही बची है। नेशनल हाईवे में शामिल कर लिए जाने के बाद से लोक निर्माण विभाग को इसकी मरम्मत के लिए बजट नहीं मिल पा रहा है। दो दिन पूर्व मोहम्मदाबाद में दौरे के बाद जिलाधिकारी ने अधिकारियों की क्लास लगाई तो अब विभाग की विभिन्न साइटों पर पड़ी गिट्टी लेकर गड्ढों को भरकर रोलर चलवाने का काम हो रहा है। इस सड़क के नवीनीकरण के लिए लगभग आठ करोड़ रुपये की जरूरत है जबकि विभाग के पास बमुश्किल 35 लाख रुपये का बजट है।

बरेली से आगरा के बीच की महत्वपूर्ण कड़ी है एसएच-29। जिले में यह रामगंगा पुल से शाहजहांपुर बार्डर से प्रवेश करती है और 49 किलोमीटर का रास्ता तय कर काली नदी के पुल से मैनपुरी चली जाती है। विगत कई वर्षो से सड़क मरम्मत के नाम पर पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों और ठेकेदारों की जेबें गर्म होती रहीं। इस बार हुई बारिश ने सड़क की मरम्मत की पोल खोल कर रख दी। सड़क पर गड्ढे हो गए हैं, यूं कह लीजिए कि गड्ढों में कहीं-कहीं सड़क दिख रही है।

लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता आदित्य कुमार बताते हैं कि सड़क के नेशनल हाईवे में शामिल हो जाने से इसकी मरम्मत के लिए विभाग को बजट नहीं मिला है। यदि गै¨सगपुर से खिमसेपुर तक सड़क के सबसे खराब भाग का नवीनीकरण कराया जाए तो कम से कम आठ-नौ करोड़ रुपये खर्च आएगा। विभाग के पास गड्ढा मुक्त योजना के तहत लगभग 35 लाख रुपये का बजट शेष है। इसी का उपयोग किया जा रहा है। विभिन्न साइटों की गिट्टी को भी इसी लगाया जा रहा है। यथा संभव सड़क को मोटरेबल करने का प्रयास किया जा रहा है।

---

सबसे अच्छे भाग के नवीनीकरण को बजट मिला

बरेली-इटावा रोड का वर्तमान में सबसे अच्छा भाग फिलहाल हुल्लापुर से सेंट्रल जेल चौराहे तक ही है। मजे की बात है कि पीडब्ल्यूडी को इसी भाग के नवीनीकरण के लिए बजट मिल गया है। इसके अलावा लगभग तीन किलोमीटर खिमसेपुर के पास का भाग भी शामिल है। इसके लिए लगभग चार करोड़ रुपये का बजट मिल गया है।

chat bot
आपका साथी