बारदाना नदारद, अभिलेखों के सत्यापन में उलझी गेहूं खरीद

जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद लॉकडाउन के चलते गेहूं की सरकारी खरीद रफ्तार नहीं पकड़

By JagranEdited By: Publish:Fri, 29 May 2020 10:22 PM (IST) Updated:Sat, 30 May 2020 06:06 AM (IST)
बारदाना नदारद, अभिलेखों के सत्यापन में उलझी गेहूं खरीद
बारदाना नदारद, अभिलेखों के सत्यापन में उलझी गेहूं खरीद

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : लॉकडाउन के चलते गेहूं की सरकारी खरीद रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है। अभी तक लक्ष्य के साथ मात्र 44 फीसद गेहूं की खरीद हो सकी है। जबकि गत वर्ष इसी अवधि में इससे कहीं अधिक लगभग 23122 मीट्रिक टन की खरीद हो चुकी थी। इसके अलावा काफी किसान अभी पंजीकरण और टोकेन की ऑनलाइन व्यवस्था में ही उलझे हुए हैं। जिनके रजिस्ट्रेशन हो भी गए हैं, उनके भू-अभिलेखों की जांच तहसीलों में पेंडिग पड़ी है। इसके चलते काफी किसान आढ़तियों के पास कम दामों पर भी गेहूं बेच रहे हैं। शासन की ओर से पारदर्शिता के नाम पर निर्धारित खरीद के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया ही किसान के जी का जंजाल हो गई है। ऑनलाइन पंजीकरण के बाद किसानों के अभिलेखों का सत्यापन तहसील होता है। कोरोना महामारी में क्वारंटाइन सेंटरों पर ड्यूटी के चलते लेखपाल सत्यापन में रुचि नहीं ले रहे हैं। पंजीकरण के बाद ऑनलाइन टोकेन जनरेट करने में भी किसानों को समस्या आ रही है। यही कारण है कि जनपद में गेहूं खरीद रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है। जिससे किसान मजबूरन गेहूं बाजार में मंडियों में बेचने को मजबूर हैं। दलेलगंज निवासी स्वदेश कुमार व अमन ने बताया 15 दिन पहले रजिस्ट्रेशन कराया था लेकिन अभी तक कागजों का सत्यापन तक नहीं हो पाया है। अमृतपुर में एक सप्ताह से खरीद बंद

पीसीएफ केंद्र अमृतपुर में करीब 8 दिनों से गेंहू की खरीद बंद है। केंद्र पर बारदाना नही है। गेंहू की बिक्री के लिए किसान केंद्र के चक्कर लगा रहे हैं। केंद्र प्रभारी हरिओम मिश्रा बताते हैं कि बारदाना की डिमांड भेजी गई, लेकिन बारदाना नही मिल सका है। अमृतपुर के सुधीर कुमार, करनपुर दत्त के कन्हैया अग्निहोत्री कहते हैं कि गेंहू की बिक्री के लिए कई दिनों से केंद्र के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन बारदाना नही होने से गेंहू खरीद बन्द है। अमृतपुर साधन सहकारी समिति के सचिव रविदत्त दीक्षित कहते हैं कि करीब 5 दिनों बाद 900 बोरे मिले हैं। किसानों से खरीद की गई है। क्षेत्रीय उप विपणन अधिकारी विवेक सिंह बताते हैं कि केवल खतौनी और पासबुक में नाम में अंतर होने या 100 क्विटल से अधिक गेहूं होने पर ही सत्यापन कराया जाता है। जिससे खाते में पैसा भेजने में दिक्कत न हो। उन्होंने बताया कि बारदाने की कोई कमी नहीं है। आंकड़ों पर एक नजर

कुल स्वीकृत केंद्र - 52

निर्धारित लक्ष्य - 36500 मीट्रिक टन

क्रमिक खरीद - 16296 मीट्रिक टन

लक्ष्य के सापेक्ष फीसद - 44.65

लाभांवित किसान - 2804

गेहूं का समर्थन मूल्य 1925 रुपये प्रति क्विटल

chat bot
आपका साथी