जिला शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान अंबेडकरनगर में जल्द शुरू होगा प्रशिक्षण

अंबेडकरनगर के जिला शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान में जल्द ही प्रशिक्षण का कार्य शुरू हो जाएगा। शासन ने मान्यता दिए जाने के लिए एनसीटीई को पत्र भेजा है.

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Aug 2020 11:50 PM (IST) Updated:Fri, 14 Aug 2020 11:50 PM (IST)
जिला शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान अंबेडकरनगर में जल्द शुरू होगा प्रशिक्षण
जिला शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान अंबेडकरनगर में जल्द शुरू होगा प्रशिक्षण

अयोध्या: अंबेडकरनगर के जिला शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान में जल्द ही प्रशिक्षण का कार्य शुरू हो जाएगा। शासन ने मान्यता दिए जाने के लिए एनसीटीई को पत्र भेजा है। पत्र में उल्लेख है कि इस संस्थान की मान्यता की राह में जो कमी थी, उसे उसे पूरा कर लिया जा रहा है और लंबित बहुउद्देश्यीय हॉल का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। इसी कारण से माना जा रहा है कि जल्द ही इस संस्थान को न सिर्फ मान्यता मिल सकेगी बल्कि प्रवेश व प्रशिक्षण का कार्य भी शुरू हो सकेगा। डायट को मान्यता मिलने के लिए जगी उम्मीद के पीछे समाजवादी पार्टी के एमएलसी हीरालाल यादव की खास कोशिश रही। उन्होंने सदन में प्रश्न उठाया था। पहली बार सवाल करने पर उन्हें संस्थान की कमियों से अवगत कराया गया तो दूसरी बार सवाल करने के पहले ही उन्हें बताया गया कि कि हॉल निर्माण के लिए यूपीपीसीएल को धनराशि आवंटित कर दी गई है

एमएलसी की कोशिश से मेधावियों को अब जिला मुख्यालय पर ही प्रशिक्षण मिल सकेगा। इसी पुष्टि डायट के प्रभारी बीएसए अतुल सिंह ने की। उन्होंने बताया कार्यदायी संस्था ने निर्माण कार्य शुरू करने की सूचना दी है। साथ ही राज्य मुख्यालय से ही एनसीटीई को इसकी सूचना दे मान्यता दिए जाने को कहा गया है।

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दो बेसिक शिक्षा मंत्री फिर भी ख्वाब न हुआ पूरा

अयोध्या: 20 वर्ष पहले ही डायट की स्थापना हुई पर यहां दो हजार वर्ग फुट का बहुउद्देश्यीय हॉल निर्मित नहीं हो सका। जबकि इसी जिले के दो बेसिक शिक्षा मंत्री रहे चुके हैं। रामअचल राजभर व अहमद हसन यहीं के जनप्रतिनिधि रहे, जो प्रदेश सरकार में बेसिक शिक्षा मंत्री भी रहे। इसकी ताकत के बाद भी जिले के वासियों का यह सपना अभी तक अधूरा रह गया, जो अब पूरा होने को है।

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सौ किलोमीटर की यात्रा से मुक्ति

अयोध्या: अयोध्या डायट में दो सौ सीट पर दाखिला होता है। इसमें सौ सीट पर अंबेडकरनगर के प्रशिक्षुओं को प्रवेश दिया जाता है। इन्हें अयोध्या आकर प्रशिक्षण हासिल करना होता है, लेकिन अब मान्यता मिलने के साथ ही उन्हें सौ किलोमीटर की यात्रा से मुक्ति मिल जाएगी।

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