अयोध्या मामले में कपिल सिब्बल की दलील पर बवाल, बाबरी के मुद्दई भी असहमत
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के वकील कपिल सिब्बल की सुप्रीमकोर्ट में पेश दलील पर सभी पक्षों ने असहमति जताई है। इसमें बाबरी के मुद्दई भी शामिल हैं।
फैजाबाद-अयोध्या (जेएनएन)। सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के वकील एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल की सुप्रीमकोर्ट में पेश दलील रामनगरी के गले नहीं उतरी। सभी पक्षों ने सिब्बल की राय से असहमति जताई है और कुछ ने उनकी समझ एवं राष्ट्र निष्ठा पर भी सवाल उठाया।
रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास ने कहा कि हिंदू समाज अब और अधिक प्रतीक्षा नहीं कर सकता। ऐसे में सुनवाई ढाई साल बाद शुरू करने की मांग कर सिब्बल ने जनभावनाओं के साथ देश की संप्रभुता को भी अपमानित किया। उधर बाबरी मस्जिद के मुद्दई हाजी महबूब ने भी सिब्बल की मांग को अनुचित बताया।
हाजी महबूब ने कहा कि इस मसले का हल जितनी जल्दी संभव हो अब हो जाना चाहिए। ऐसे में सुनवाई टाले जाने की मांग समझ से परे है। उन्होंने कहा-हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कपिल सिब्बल एक पार्टी के शीर्ष नेता हैं।
नाका हनुमानगढ़ी के महंत एवं राम मंदिर के पैरोकार रहे रामदास ने कहा, सिब्बल की इस मांग से साफ है कि कांग्रेस सहित कुछ ताकतें मंदिर-मस्जिद विवाद का हल न चाहकर विवाद के माध्यम से अपनी राजनीतिक दुकान चलाना चाहते हैं। विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने कहा, अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कांग्रेस विवाद का समाधान नहीं चाहती और उसकी रुचि देश को अस्थिर रखने में है।