गोआश्रय स्थलों में महंगाई की मार, भूसे के दाम बढ़ने से गहराया संकट

एक हजार रुपये से ऊपर प्रति क्विटल भूसा का रेट 30 रुपये प्रतिदिन गोवंशों के खानगी में शासन का अनुदान

By JagranEdited By: Publish:Mon, 23 May 2022 12:51 AM (IST) Updated:Mon, 23 May 2022 12:51 AM (IST)
गोआश्रय स्थलों में महंगाई की मार, भूसे के दाम बढ़ने से गहराया संकट
गोआश्रय स्थलों में महंगाई की मार, भूसे के दाम बढ़ने से गहराया संकट

अयोध्या(आनंदमोहन) : ग्राम पंचायतों से संचालित गोवंश आश्रय स्थलों के लिए इस बार आपूर्ति किए जाने वाले भूसा में भी महंगाई का तड़का लगा है। प्रति क्विंटल एक हजार रुपये के आसपास व उसके ऊपर चढ़ रही इसकी कीमत से गोवंशों का पेट भरना ग्राम पंचायतों से संचालित गोशालाओं के लिए चुनौती से कम नहीं। प्रतिदिन खुराकी के मद में शासन से 30 रुपये एक गोवंश पर अनुदान निर्धारित है। ज्यादातर ग्राम पंचायतें इसी धनराशि से गोशालाएं संचालित करती हैं। अगर गोशालाओं ने अलग से संसाधन न जुटाए तो उनके सामने गोवंशों के भरण पोषण का संकट खड़ा होना तय है। रुदौली ब्लाक की पारापहाड़पुर गोशाला के लिए 1050 रुपये प्रति क्विंटल ऐहार में 995 रुपये प्रति क्विंटल एवं सरायमुगल गोशाला में भूसा आपूर्ति का 993 रुपये प्रति क्विंटल रेट टेंडर में खुला है। शासन से निर्धारित अनुदान की धनराशि से तीन किग्रा. भूसा ही एक गोवंश के लिए बमुश्किल मिल सकेगा। छोटे, बड़े व बूढ़े गोवंशों का औसत प्रतिदिन के लिए चार किग्रा भूसा का आकलन पशु चिकित्सकों का है। सोहावल बीडीओ रशेष गुप्त भी भूसा महंगा होने को स्वीकारते हैं। कहते हैं कि भूसा महंगा होने से ग्राम पंचायतों के सामने संचालन की चुनौती जरूर है। अभी मसौधा, सोहावल, अमानीगंज, मयाबाजार, तारुन, बीकापुर, मिल्कीपुर, मवई एवं हरिग्टनगंज ब्लाक में भूसा आपूर्ति दर निर्धारण की प्रक्रिया में है। वित्तीय वर्ष शुरू होने को दो माह होने को है। भूसा खरीदने के लिए टेंडर होने के बाद अभी रेट तय नहीं हो सका। ग्राम पंचायतों से संचालित गोवंश आश्रय स्थलों की संख्या लगभग 25 है। इनमें दो वृहद गो संरक्षण केंद्र रुदौली ब्लाक की ऐहार व हरिग्टनगंज ब्लाक की साहबाबाद ग्रंट में है। लगभग साढे तीन हजार गोवंश उनमें संरक्षित हैं। नगर निगम की एक, नगर पंचायत की दो व नगर पालिका की एक एवं जिला पंचायत की एक कांजीहाउस है। ये ग्राम पंचायतों से संचालित गोशालाओं में शामिल नहीं हैं।

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