Ayodhya Ram Janmabhoomi News: संतों के संगम से आलोकित हुई रामनगरी

Ayodhya Ram Temple Bhumi Pujan News पांच सदी की प्रतीक्षा पूरी होने की प्रसन्नता दिग्गज संतों के आभामंडल से प्रकट हो रही है। दैनिक जागरण टीम ने चुनिंदा संतों से बातचीत की।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 12:06 PM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 12:06 PM (IST)
Ayodhya Ram Janmabhoomi News: संतों के संगम से आलोकित हुई रामनगरी
Ayodhya Ram Janmabhoomi News: संतों के संगम से आलोकित हुई रामनगरी

अयोध्या, जेएनएन। Ayodhya Ram Temple Bhumi Pujan News: जन्मभूमि पर राममंदिर निर्माण के लिए बुधवार को भूमि पूजन हो रहा है। इस ऐतिहासिक मौके का गवाह बनने के लिए पहुंचे देश के दिग्गज संतों के संगम से मंगलवार को ही रामनगरी आलोकित हो उठी। इन संतों के स्मरण मात्र से ही मन अलौकिक आनंद से भर उठता है। आमजन में भी इन संतों का दर्शन करने और आशीर्वाद लेने की जबर्दस्त उत्सुकता दिखी। बिड़ला धर्मशाला, रामवल्लभाकुंज, मानस भवन, उदासीन आश्रम व कारसेवकपुरम्, हनुमानगढ़ी परिसर स्थित मारुति सदन आदि स्थानों पर ठहरे इन संतों की चरणरज से रामनगरी गौरवांवित है। ... और पांच सदी की प्रतीक्षा पूरी होने की प्रसन्नता दिग्गज संतों के आभामंडल से प्रकट हो रही है। दैनिक जागरण टीम ने चुनिंदा संतों से बातचीत की। 

प्रस्तुत हैं वार्ता के प्रमुख अंश

हीमोग्लोबिन चेक करिए तो बढ़ा मिलेगा: युगपुरुष 

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य युगपुरुष स्वामी परमानंद मंदिर निर्माण की बेला में आनंदित हैं। कहते हैं, ‘मेरा हीमोग्लोबिन चेक करिए तो निश्चित ही बढ़ा मिलेगा।’ जागरण से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि आर्य समाज अवतार नहीं मानता। मूर्तिपूजा पर भी विश्वास नहीं है लेकिन आर्यसमाजी सदैव से रामजन्मभूमि पर मंदिर के पक्ष में रहा है, क्योंकि पांच सदी पहले सिर्फ मंदिर ही नहीं तोड़ा गया, बल्कि राष्ट्रीय स्वाभिमान को भी कुचला गया था। इसीलिए आर्यसमाज हमेशा से रामजन्मभूमि पर मंदिर बनाने के पक्ष में रहा। यह मंदिर सिर्फ पूजा के लिए ही नहीं, बल्कि राष्ट्र के स्वाभिमान के लिए आवश्यक है। वे यह भी कहते हैं कि अयोध्या का विकास हो, लेकिन अध्यात्म रहे। विदेशों में भी विकास हुआ, लेकिन जीवन शैली अध्यात्मिक नहीं रही। अयोध्या में विकास के साथ-साथ भक्ति, सौहार्द भी बढ़ना चाहिए। 

अंतर्दृष्टि से बनूंगा साक्षी : स्वामी रामभद्राचार्य 

पद्मश्री जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य कहते हैं कि ‘मैं अंतर्दृष्टि से राममंदिर के भूमिपूजन का साक्षी बनूंगा। वे मुहूर्त पर हुए विवाद को भी व्यर्थ मानते हैं। कहते हैं, अभी शक संवत के अनुसार सौर मास और सावन ही चल रहा है। फिर राम भी स्वयं सूर्यवंशी है। इसलिए यह कहना सही नहीं कि यह भूमिपूजन के लिए यह उचित मुहूर्त नहीं है। इस पल की विकलता से प्रतीक्षा है। प्रतीक्षा में आनंद भी है। वे कहते हैं, संतों को किसी प्रकार के पद की आवश्यकता नहीं होती। वे सिर्फ रामकाज से ही प्रसन्न होते हैं। 

 

मंदिर आंदोलन के फ्रंट वारियर्स का प्रतिनिधित्व कर रहे मोदी : उमा भारती 

मंदिर आंदोलन की अगली कतार के नेताओं में रहीं मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहाकि मंदिर आंदोलन के फ्रंट वारियर्स का प्रतिनिधित्व खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। भूमिपूजन के ऐतिहासिक अवसर पर पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, विनय कटियार, कल्याण सिंह के न आने के सवाल का वे जवाब दे रही थीं। उन्होंने कहा कि दो बार कारसेवा की। हमें विश्वास था कि राममंदिर बनेगा। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बयान के सवाल पर भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उमाभारती बोलीं, कौन दिग्विजय सिंह? वो प्रज्ञा ठाकुर से हार चुका है। हमारे लिए राममंदिर कभी राजनीतिक मुद्दा नहीं, राममंदिर हमारी आस्था का विषय रहा। मंगलवार को रामनगरी में उमा भारती शाम लगभग सात बजे चुनिंदा लोगों के साथ राम की पैड़ी पहुंची। यहां सरयू पूजन व आरती की और तट से ही जय श्रीराम का उद्घोष किया। उसके बाद बजरंगबली की प्रधानतम पीठ हनुमानगढ़ी में जाकर पूजा-अर्चना की। बुधवार को वह भूमि पूजन के बाद रामलला के दर्शन करेंगी। 

रामराज्य के लिए शेष जीवन अर्पित: बाबा रामदेव 

सुप्रसिद्ध योगगुरु बाबा रामदेव अब अपना शेष जीवन रामराज्य की स्थापना के लिए अर्पित करेंगे। रामराज्य के लिए राम, सीता, लक्ष्मण एवं भरत जैसा चरित्र अपनाने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि पांच सौ वर्ष का संघर्ष अब शिलान्यास के रूप में फलित होने जा रहा है। मंदिर निर्माण पर आने वाली पीढ़ियां गर्व करेंगी। सरयू तट स्थित रामकीपैड़ी पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अयोध्या राम की भूमि है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि रामजन्मभूमि को विवादित करने पर पीड़ा होती थी। अब दुर्दिन बीत चुका है। मीर बाकी के समय से चल रहे संघर्ष में लाखों लोगों ने बलिदान किया, जो अब फलित हो रहा है। मुहूर्त पर सवाल उठाने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भगवान उन्हें भी सदबुद्धि देंगे। 

प्रभु राम समस्त लोक के ईश्वर : अमृता स्वरूपानंदपुरी

माता अमृतानंदमयी मठ केरल के उपाध्यक्ष अमृता स्वरूपानंद पुरी का कहना है कि प्रभु राम समस्त लोक के ईश्वर हैं। उन्हें उत्तर एवं दक्षिण में बांटा नहीं जा सकता। भूमिपूजन समारोह में शिरकत करने आए पुरी "जागरण' से खास बातचीत कर रहे थे। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, भगवान राम शक्ति के एेसे केंद्र हैं, जो राष्ट्रों, राज्यों, संस्कृतियों के साथ ही प्रकृति को जोड़ते हैं। उनकी जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनने की घड़ी आ गई है। इस अवसर का हिस्सा बनकर ऐसे आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति हो रही है, जो विचार एवं विकार से परे है। शब्दों में उसे व्यक्त नहीं किया जा सकता है। उसे अंतर्मन से साक्षात्कार किया जा सकता है। 

भूमिपूजन मंदिर के साथ राष्ट्र की आधारशिला: स्वामी चिदानंद 

परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनि जी महराज का कहना है कि भूमिपूजन मंदिर की आधारशिला के साथ ही राष्ट्र की आधारशिला है। उन्होंने कहा कि सदियों की प्रतीक्षा और प्रतिज्ञा पूरी हो रही है। यह देश का सौभाग्य है। जिनकी तपस्या पूरी हो रही है, उनका दर्शन कर पूरा विश्व गौरवांवित महसूस करेगा। मंदिर निर्माण उनके संघर्ष का सुखद फल है। राममंदिर निर्माण से यह नगरी विश्व प्रसिद्ध होगी। सरस्वती ने कहा कि इससे राष्ट्रीय संस्कृति विकसित होगी। उन्होंने कहा कि इस उत्सव का हिस्सा बनकर अच्छा लग रहा है। भूमिपूजन ऐसा क्षण होगा, जिसे विश्व के करोड़ों सनातनधर्मावलंबी अपने अंतर्मन में सहेज कर रखेंगे।

chat bot
आपका साथी