अविवि के पाठ्यक्रमों में भूटान के छात्रों के लिए पांच-पांच सीट

अयोध्या : डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कौटिल्य प्रशासनिक सभागार में भूटान सैन्य प्रतिनिधिमंडल ने कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित से मुलाकात कर वार्ता की। सैन्य प्रतिनिधिमंडल में लेफ्टीनेंट वांगडी डोरजी, उग्यान फुंटशो एवं चोकी डोरजी ने अवध विश्वविद्यालय में संचालित पाठ्यक्रमों की जानकारी हासिल की।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Feb 2019 11:57 PM (IST) Updated:Mon, 18 Feb 2019 11:57 PM (IST)
अविवि के पाठ्यक्रमों में भूटान के छात्रों के लिए पांच-पांच सीट
अविवि के पाठ्यक्रमों में भूटान के छात्रों के लिए पांच-पांच सीट

अयोध्या : डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कौटिल्य प्रशासनिक सभागार में भूटान सैन्य प्रतिनिधिमंडल ने कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित से मुलाकात कर वार्ता की। सैन्य प्रतिनिधिमंडल में लेफ्टीनेंट वांगडी डोरजी, उग्यान फुंटशो एवं चोकी डोरजी ने अवध विश्वविद्यालय में संचालित पाठ्यक्रमों की जानकारी हासिल की।

इस मौके पर कुलपति प्रो.मनोज दीक्षित ने भूटान एवं भारत के आपसी संबंधों की जानकारी दी। बताया कि हम सभी की साझी सांस्कृतिक विरासत विश्वभर में एक अनूठी मिशाल है। भूटान प्राकृतिक रूप से दुनिया का एक सुन्दर देश है।

प्रो. दीक्षित ने बताया कि भूटान के विद्यार्थियों के लिए भारत के शैक्षिक संस्थानों में प्रवेश का प्रावधान है। अवध विश्वविद्यालय भी सभी पाठ्यक्रमों में पांच-पांच सीटों पर भूटान के विद्यार्थियों को प्रवेश देने के लिए सुविधा प्रदान करेगा। भूटान के विद्यार्थियों के लिए आइसीएसएसआर की छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाती है। प्रो. दीक्षित ने बताया कि बौद्ध धर्म का विकास भारत की धरती से प्रारंभ हुआ। भगवान बुद्ध ने अयोध्या में अपने काफी समय व्यतीत किया है। सारनाथ, कौशांबी, श्रावस्ती, कुशीनगर एवं लुंबनी जैसे स्थल बौद्ध धर्म के मतावलंबियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। विश्वभर के पर्यटक इन स्थलों पर भ्रमण करने आते हैं। भौतिकी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग की डॉ. गीतिका श्रीवास्तव ने पीपीटी के माध्यम से स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रमों के साथ व्यवसायिक एवं नए संचालित पाठ्यक्रमों के बारे में जानकारी दी। भूटान सैन्य प्रतिनिधि मंडल ने विश्वविद्यालय परिसर एवं आइइटी परिसर का भ्रमण कर शैक्षिक गतिविधियों का जायजा लिया। कुलपति ने सैन्य प्रतिनिधि मंडल को पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिह्न भेंट किया। प्रति कुलपति प्रो. एसएन शुक्ल, मुख्य नियंता प्रो. आरएन राय, प्रो. केके वर्मा, प्रो. आशुतोष सिन्हा, प्रो. मृदुला मिश्रा, प्रो. हिमांशु शेखर ¨सह, प्रो. अनूप कुमार प्रो. फारुख जमाल, प्रो. विनोद श्रीवास्तव, प्रो. रमापति मिश्र, डॉ. विजयेंदु चतुर्वेदी, कार्यपरिषद सदस्य ओमप्रकाश ¨सह, डॉ. विनय कुमार मिश्र, डॉ. मनीष ¨सह, डॉ. आरएन पांडेय, आशीष मिश्र उपस्थित रहे।

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