अस्थायी जेल में बंद थे आडवाणी, कल्याण व सिंहल

छह दिसम्बर को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढांचा गिराने के बाद बहुत से कारसेवकों को गिरफ्तार कर यहां पर ही रखा गया था। सीमा पर होने के नाते यहां पर नेताओं को रोका जाता है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Tue, 06 Dec 2016 02:07 PM (IST) Updated:Tue, 06 Dec 2016 03:42 PM (IST)
अस्थायी जेल में बंद थे आडवाणी, कल्याण व सिंहल

फैजाबाद(प्रहलाद तिवारी)। फैजाबाद की सीमा पर स्थित लोक निर्माण विभाग, रुदौली का अतिथि गृह 24 वर्ष पहले छह दिसम्बर की घटना का आज भी गवाह बना है। अयोध्या की हर गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखने के कारण रामसनेहीघाट का यह अतिथि गृह छह दिसम्बर को अनायास ही खास हो जाता है।

जब भी पूर्वांंचल में कोई मामला हुआ तो राजनेताओं को रोकने का कार्य इस अतिथि गृह में किया गया। इसे कई बार अस्थायी जेल का रूप दिया गया। छह दिसम्बर को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढांचा गिराने के बाद बहुत से कारसेवकों को गिरफ्तार कर यहां पर ही रखा गया था।

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कल्याणी नदी के किनारे स्थिति यह अतिथि गृह देश के बड़े राजनेताओं की गिरफ्तारी का भी गवाह है। यहां पर देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यपाल कल्याण सिंह, दिवंगत विहिप सुप्रीमो अशोक सिंह, प्रवीण भाई तोगडिय़ा, कलराज मिश्र, राजनाथ सिंह, मुरली मनोहर जोशी, मुलायम सिंह, बेनी प्रसाद वर्मा, लालजी टंडन, विनय कटियार सहित बड़े नेताओं को अयोध्या कूच करते वक्त गिरफ्तार कर यहां रखा गया था। पूर्व सांसद राम सागर रावत की अगुवाई में अयोध्या कूच कर रहे सपा कार्यकर्ताओं पर यहीं लाठीचार्ज किया गया था। छह दिसंबर आते ही यहां पर सुरक्षा कड़ी कर दी जाती है।

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माली के रूप में 27 वर्ष से यहां पर तैनात राम अमल बताते हैं कि सीमा पर होने के नाते यहां पर नेताओं को रोका जाता है। छह दिसंबर के दिन यहां पर पूरे दिन पुलिस व प्रशासनिक अमले की मौजूदगी रहती है। पुरानी यादों को ताजा करते हुए वह बताते है कि 1992 की घटना के बाद यहां पर रेला लग गया था। हर तरफ पुलिस व कारसेवक ही नजर आते थे। दो दिन तक जेल के रूप में अतिथि गृह हो गया था। विहिप की चौरासी कोसी परिक्रमा के दौरान भी भाजपा व विहिप के नेताओं को यहीं गिरफ्तार किया गया।

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मुलायम व बेनी भी रखे गए थे यहां

अतिथि गृह के कर्मचारी कमलेश बताते हैं कि कल्याण सिंह की सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव व बेनी प्रसाद वर्मा को यहीं पर गिरफ्तार कर रखा गया। यही से दोनों को पुलिस ने वापस लखनऊ भेज दिया था।

बीजेपी नेताओं के घर हुआ था पथराव

रुदौली में 1992 की घटना के बीजेपी नेताओं के घर पथराव हुआ था। पूर्व विधायक रामदेव व पटरंगा में रघुनंदन चौरसिया के घर भी पथराव हुआ। हालात को सामान्य होने में कई दिन लग गए थे। सब्जी मंडी में भी जमकर बवाल हुआ था।

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अनायास खास हो जाती है जिले की सीमा

छह दिसंबर का दिन आते ही रुदौली से सटी जिले की सीमा अनायास ही खास हो जाती है। शाम से ही पुलिस बल की तैनाती छह दिसंबर का अहसास सीमा पर कराने लगी है। बाराबंकी व फैजाबाद दोनों जिलों की पुलिस सीमा पर मुस्तैद होने लगी है। अयोध्या की तरफ जाने वाले वाहनों पर पुलिस की नजर लगी है। संदेह के दायरे में आने वाले वाहनों को चेङ्क्षकग के बाद ही अयोध्या की तरफ जाने दिया जा रहा है। सीओ संतोष कुमार ने बताया कि सीमा पर पुलिसकर्मियों को संदिग्धों पर नजर रखने के निर्देश हैं। उच्चाधिकारियों से प्राप्त होने वाले आदेशों का पालन किया जा रहा है।

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