गेहूं की तापरोधी प्रजाति पर शोध के लिए खर्च होंगे 17 लाख

नरेंद्रदेव कृषि विश्वविद्यालय में तापरोधी गेहूं की प्रजाति विकसित की जाएगी। इस पर शोध का रास्ता साफ हो गया है। उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद ने विश्वविद्यालय के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। तकरीबन 17 लाख रुपये भी आवंटित कर दिए। इस नई प्रजाति के विकास के बाद किसानों के नुकसान की भरपाई हो सकेगी और उनकी आय भी बढ़ सकेगी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Nov 2020 06:41 PM (IST) Updated:Wed, 04 Nov 2020 06:41 PM (IST)
गेहूं की तापरोधी प्रजाति पर शोध के लिए खर्च होंगे 17 लाख
गेहूं की तापरोधी प्रजाति पर शोध के लिए खर्च होंगे 17 लाख

अयोध्या : नरेंद्रदेव कृषि विश्वविद्यालय में तापरोधी गेहूं की प्रजाति विकसित की जाएगी। इस पर शोध का रास्ता साफ हो गया है। उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद ने विश्वविद्यालय के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। तकरीबन 17 लाख रुपये भी आवंटित कर दिए। इस नई प्रजाति के विकास के बाद किसानों के नुकसान की भरपाई हो सकेगी और उनकी आय भी बढ़ सकेगी।

गेहूं की फसल में बालियों की वृद्धि व दाने के विकास में अधिक तापमान अवरोध उत्पन्न करता है। इसका प्रभाव इतना तेज होता है कि बालियां छोटी तथा दाने पतले हो जाते हैं। इसका असर गेहूं की गुणवत्ता व उत्पादन पर पड़ता है। इससे किसानों को बड़ा नुकसान होता है। गेहूं की उपज पर ग्लोबल वार्मिंग का असर भी साल-दर-साल गहराता जा रहा है। इसी समस्या के निदान के लिए विवि के बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने परियोजना बना कर इसे शासन को मंजूरी के लिए भेजा था। कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह के प्रयास से इसमें कामयाबी मिल गई और इस शोध का रास्ता साफ हो गया। जल्द ही इस पर शोध कार्य शुरू हो जाएगा। इसके मुख्य अन्वेषक डॉ. शंभू प्रसाद ने बताया कि ताप सहिष्णु अधिक उपज देने वाली गेहूं की प्रजाति का विकास शोध का मुख्य ध्येय है।

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चंद दिन में मिली दो परियोजनाओं को मंजूरी

अयोध्या: मीडिया प्रभारी डॉ.अखिलेश सिंह ने बताया कि कुलपति डॉ.बिजेंद्र सिंह के प्रयास से हाल में ही दो परियोजनाओं को मंजूरी मिली है। विवि में टेक्नोलॉजी पार्क और अब तापरोधी गेहूं की परियोजना को उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद ने हरी झंडी दे दी है। कहा कि इस तरह के गेहूं की प्रजाति को विकसित कर विज्ञानी किसान को बड़ा तोहफा देंगे।

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