शिवपाल ने कहा- जब मुलायम ने मायावती को बहन नहीं माना तो वह अखिलेश की बुआ कैसे हो गईं
शिवपाल सिंह यादव ने बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती के समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की बुआ होने पर सवाल खड़ा कर दिया है।
इटावा (जेएनएन)। समाजवादी पार्टी के खिलाफ बेहद सक्रिय शिवपाल सिंह यादव ने बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती के समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की बुआ होने पर सवाल खड़ा कर दिया है। इसके साथ ही प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने फीरोजाबाद से आगामी लोकसभा चुनाव लडऩे की घोषणा कर खलबली मचा दी है।
इटावा में कल गणतंत्र दिवस पर शिवपाल सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश में सपा व बसपा के गठबंधन पर भी तंज कसा है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) प्रमुख शिवपाल सिंह यादव ने अब अखिलेश और मायावती के बुआ-बबुआ वाले फैक्टर पर सवाल उठाया है। उन्होंने बसपा मुखिया मायावती के साथ हाल के गठबंधन को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर हमला बोला। शिवपाल का कहना है कि जब मुलायम सिंह यादव और मैंने मायावती को बहन नहीं बनाया तो फिर यह अखिलेश बुआ की कैसे हो गईं। उन्होंने कहा कि बबुआ ने अपने पिता को धोखा दिया और बुआ ने अपने भाइयों को धोखा दिया। उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती तो किसी की भी सगी नहीं हैं। शिवपाल ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी को जहां पर भी फायदा नजर आएगा तो वह साथ देने वाले को किनारे कर देती है। समाजवादी पार्टी को तीन-तीन बार झटका देते हुए भाजपा के साथ सरकार बना चुकी है। उन्होंने कहा कि मायावती का अखिलेश यादव को भतीजा बताना भी बड़ा ड्रामा है।
शिवपाल ने कहा कि जब मुलायम ने मायावती को कभी भी बहन नहीं बनाया, तब वह अखिलेश यादव की बुआ कैसे हो सकती हैं।शिवपाल यादव ने कहा कि वही बहन जी हैं न? न नेता जी ने बहन जी बनाया, ना हमने बहन जी बनाया, तो अखिलेश की बुआ कहां से बन गईं। और बताओ, बुआ का कोई भरोसा है, कहां चली जाएं।उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह को 'गुण्डा', सपा को गुंडों की पार्टीं तथा उन्हें दुराचारी बताने वाले दल के साथ गठबंधन पिता और चाचा का साफ अपमान है।
शिवपाल ने अखिलेश को बबुआ बताते हुए कहा कि इस बबुआ ने तो अपने बाप को भी धोखा दिया है। वहीं बुआ (मायावती) ने कभी जिसे भाई बनाया था उस बीजेपी को धोखा दिया है। बुआ ने अपने भाइयों (बीजेपी) को धोखा दिया है। इसके बाद शिवपाल यादव ने इमोशनल होते हुए कहा कि मैंने अखिलेश के लिए क्या-क्या नहीं किया। जिसने बाप को बाप नहीं समझा,चाचा को चाचा नहीं समझा उस पर कैसे भरोसा किया जाए। चाचा शिवपाल यही नहीं रुके उन्होंने कहा कि मैने अखिलेश के लिए पढ़ाई से लेकर क्या-क्या नहीं किया लेकिन ऐसे लोगों पर कैसे भरोसा किया जाये जिसने पिता को पिता और मुझे चाचा नहीं समझा। इसी कारण मैंने नई पार्टी बनाई। हमारा यह सफर मुश्किलों भरा है लेकिन मुझे इस आग के दरिया में जाना है और तप कर निकलना है।
उन्होंने कहा कि मैं समाजवादी पार्टी या सरकार में कोई बड़ा या मंत्री पद नहीं चाहता था। मैं केवल इज्जत चाहता था, लेकिन मुझे षड्यंत्र के तहत पार्टी से अलग कर दिया गया। उस आदमी पर कोई कैसे विश्वास कर सकता है, जिसने अपने पिता और चाचा को धोखा दिया हो। इसके बाद हमें मजबूरी में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन करना पड़ा।