परौली रमायन गोशाला में लगी पानी की टंकी

विकासखंड बसरेहर के ग्राम पंचायत परौली रामायन में 11

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Oct 2019 11:02 PM (IST) Updated:Wed, 23 Oct 2019 06:18 AM (IST)
परौली रमायन गोशाला में लगी पानी की टंकी
परौली रमायन गोशाला में लगी पानी की टंकी

संवाद सूत्र, बरालोकपुर : विकास खंड बसरेहर के ग्राम पंचायत परौली रमायन में 118 बीघा क्षेत्र में स्थित जिले की सबसे बड़ी गोशाला में पिछले दिनों डीएम जेबी सिंह के निरीक्षण करने के बाद उठाए गए कड़े फैसलों के परिणाम अब सामने आने लगे हैं।

गोशाला में 5000 लीटर की क्षमता वाली तीन पानी की टंकियां लगाई गई हैं। प्रति नाद में टोंटी की व्यवस्था की गई है। भूसा को डालने के बाद पानी टोंटी द्वारा अब गोवंश को साफ पानी में मिलाकर भूसा दिया जा रहा है। इसके साथ हरा चारा भी दिया जा रहा है। एक जेनरेटर की व्यवस्था भी हो गई है। करीब 200 अशोक, पीपल, पाकड़, शहतूत, अनार के पौधे भी लगाए गए हैं।

बसरेहर से भाजपा मंडल अध्यक्ष मनु यादव गोशाला में व्यवस्था की देखरेख कर रहे हैं। उन्होंने बताया इस समय गोशाला में 1148 गोवंश मौजूद हैं। एक-दो दिन के अंदर कानपुर मंडल के आयुक्त नोडल अधिकारी के परौली रमायन गोशाला के निरीक्षण की संभावना है। गोसेवा समिति उपाध्यक्ष भाजपा नेता मनीष यादव पतरे ने बताया गाय व सांड़ की व्यवस्था अलग-अलग कर दी गई है, जल्द ही गोशाला में भागवत कथा कराई जाएगी।

गोशाला में मौजूद नर-मादा गोवंश को अलग-अलग किया गया है। जिसमें सांड़ों के लिए अलग व्यवस्था की गई है, वहीं गाय अलग कर दी गई हैं। चारों तरफ से एंगिल पाइप से घेराव कर गेट बनाया गया है जिससे गाय व सांड़ आपस में एकत्रित न हो सकें और अलग-अलग रहें। पूर्व में भूसा खाने के चक्कर में सांड़ गायों पर हमला कर देते थे जिससे कभी कभी गायों की मौत भी हो जाती थी। अब गायों व सांड़ों को हरा चारा व भूसा भी अलग-अलग दिया जा सकेगा। गोशाला में मौजूद टीनशेड को जोड़ते हुए खड़ंजा बिछाया गया है। हर टीनशेड पर नंबरिग की व्यवस्था की गई है। कुल 14 टीनशेड हैं।

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