चुनाव दो. दो दशक से कोरे वादों के सहारे

इटावा : बीते दो दशक से सराय दयानत के बा¨शदे शहरी नागरिक होने के बावजूद कोरे वादों के सहारे बदतर हाल

By Edited By: Publish:Sat, 21 Jan 2017 05:23 PM (IST) Updated:Sat, 21 Jan 2017 05:23 PM (IST)
चुनाव दो. दो दशक से कोरे वादों के सहारे
चुनाव दो. दो दशक से कोरे वादों के सहारे

इटावा : बीते दो दशक से सराय दयानत के बा¨शदे शहरी नागरिक होने के बावजूद कोरे वादों के सहारे बदतर हालत में जीवन यापन कर रहे हैं। किसी भी दल के नेता ने इस क्षेत्र के विकास को तवज्जो नहीं दी।

देहात से ज्यादा दुर्दशा

बीते दो दशक से लोक सभा और विधान सभा चुनाव लड़ने वाले नेता सड़क निर्माण और अन्य विकास कार्य कराने का वादा करते हैं लेकिन किसी ने अभी तक वादा नहीं निभाया। इससे हम लोग शहरी नागरिक दर्जा पाने के बावजूद ग्रामीण क्षेत्र से भी बदतर हालात में रह रहे हैं।

- राम ¨सह

जनता की नहीं सुनते

कोई नेता हो सिर्फ कोरे वादे करते हैं, चुनाव के दौरान उनसे बड़ा कोई हितैषी नहीं विजय मिलने के बाद पहचानते तक नहीं। बीते 20 सालों से नगर पालिका जलकर-गृहकर की वसूली कर रहे हैं, लेकिन विकास कार्य की तवज्जो नहीं दे रहे हैं। इससे क्षेत्रीय नागरिक मुसीबत जदा हैं।

- गंगाश्री

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