बुजुर्गों के लिए आसान नहीं पेंशन पाना

इटावा, जागरण संवाददाता : केंद्र एवं प्रदेश सरकार वृद्धों व वरिष्ठ नागरिकों के लिए कितने ही नियम क्यो

By Edited By: Publish:Sat, 03 Dec 2016 01:01 AM (IST) Updated:Sat, 03 Dec 2016 01:01 AM (IST)
बुजुर्गों के लिए आसान नहीं पेंशन पाना

इटावा, जागरण संवाददाता : केंद्र एवं प्रदेश सरकार वृद्धों व वरिष्ठ नागरिकों के लिए कितने ही नियम क्यों न बना दे, लेकिन यहां स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य शाखा में तो जवान व वृद्ध सबको एक घाट ही पानी पीने को मजबूर कर दिया है। पेंशनरों व वेतन निकालने वालों की अलग से लाइन तथा काउंटर न बनाये जाने से वृद्ध पेंशनरों को धक्का खाने के बाद भी समय से पेंशन नहीं मिल पा रही है।

सरकार ने दावा किया था कि वृद्धों को पेंशन लेने में कोई तकलीफ नहीं होगी। उनके लिए पेंशन का भुगतान पृथक काउंटर से कराया जायेगा, लेकिन बैंक में तो न काउंटर खुला और न वृद्धों की मदद की जा रही है। लाठी टेक कर चलकर तो आ गया, अब लाइन में खड़े होने का साहस नहीं है।

- मंशाराम

सरकार द्वारा वृद्ध जनों के लिए की गयी सभी घोषणाएं बैंक की व्यवस्थाएं देख कर निर्मूल साबित हो गयी। जैसे तैसे धक्का खाकर बैंक के अंदर तो आ गया हूं, लेकिन लंबी लाइन में युवाओं के बीच खड़ा रहना बस की बात नहीं है। कल भी पेंशन नहीं मिल सकी और लौट गया, लेकिन भीड़ को देख कर ऐसा लगता है कि आज भी नंबर नहीं आ पायेगा। बैंक कर्मचारी भी संवेदनहीन हो गये हैं।

बैंक में अधिकारी हॉल में आते हैं और भीड़ देख कर चले जाते हैं। किसी भी अधिकारी ने अब तक वृद्ध पेंशनरों की परेशानियों को नहीं देखा। लाइन में लगना वश की बात नहीं, बैंक को एक अलग से काउंटर खोलना चाहिए था, जब तक काउंटर नहीं खुलेंगे वृद्ध जनों की परेशानियां कम होने वाली नहीं हैं।

- शोभाराम

कमाल है यहां तो लाइन में लगे हर युवा को अपनी नकदी निकालने की जल्दी मची हुई है। वृद्ध पेंशनरों की हालत पर किसी को भी दया नहीं आ रही है। सुबह से धक्का खाने के बाद जब शरीर दगा देने लगा तो किनारे पर बैठ गया। जो सीमा पर न हारा हो, वह पेंशन की लाइन में हार गया। कमर से लाचार हूं, कोई मदद करने वाला नहीं।

- शिव नारायण

chat bot
आपका साथी