पांच जीजीआइसी में बनेंगे नए शौचालय

इटावा, जागरण संवाददाता : केंद्र सरकार द्वारा जारी योजना के तहत जिले के पांच जीजीआइसी में टॉयलेट ब

By Edited By: Publish:Sat, 03 Dec 2016 01:00 AM (IST) Updated:Sat, 03 Dec 2016 01:00 AM (IST)
पांच जीजीआइसी में 
बनेंगे नए शौचालय

इटावा, जागरण संवाददाता :

केंद्र सरकार द्वारा जारी योजना के तहत जिले के पांच जीजीआइसी में टॉयलेट ब्लॉक्स बनाए जा रहे हैं। महिलाओं व लड़कियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य, हाइजीन व निजता को लेकर बनाए जा रहे ये टॉयलेट ब्लॉक्स दिखने में अन्य सरकारी शौचालयों से इतर साफ-सुथरे और सुंदर होंगे। इसके तहत बनाए जाने वाले शौचालयों में एक शौचालय प्रत्येक जीजीआइसी में दिव्यांगों के लिए भी होगा। इन टॉयलेट ब्लॉक्स को बनाने के लिए 19.46 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं।

जनपद के जिन पांच जीजीआइसी में टॉयलेट ब्लॉक्स बनाए जाने हैं उनमें जीजीआइसी इटावा, जीजीआइसी उदी, जीजीआइसी चकरनगर, जीजीआइसी जसवंतनगर व जीजीआइसी सैफई शामिल हैं। कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल (उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कॉर्पोरेशन लिमिटेड) इन ब्लॉक्स को बना रहा है। मई में आए निर्देशों के अनुसार इन टॉयलेट ब्लॉक्स में 10 शौचालय बनाए जाने हैं और सभी पांच जीजीआइसी में एक-एक शौचालय दिव्यांगों के लिए भी बनाया जाएगा। इन शौचालयों को फर्श आदि में टाइल्स का प्रयोग कर बेहतरीन साफ-सुथरा और सुंदर बनाया जाएगा। इसके साथ ही पानी की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक विद्यालय में सबमर्सिबल, पानी की टंकी और हैंडवॉ¨शग पॉइंट भी लगाए जाएंगे। इस योजना में चयनित सभी पांच विद्यालयों में वॉटर कूलर भी लगाए जाएंगे।

ये टॉयलेट ब्लॉक्स कब तक बनकर तैयार होंगे, यह अभी स्पष्ट नहीं है। हालांकि एक अनुमान के मुताबिक दिसंबर के अंत तक इनके तैयार होने की संभावना अवश्य है। कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल के सहायक परियोजना प्रबंधक कुलदीप ¨सह ने बताया कि निर्माण का लगभग 50 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। यह पूछने पर कि ये टॉयलेट ब्लॉक्स कब तक बनकर तैयार होंगे, उन्होंने बताया कि पहली किश्त में 10 लाख रुपये प्राप्त हुए थे और अब अगली किश्त के 9.46 लाख रुपये आने शेष हैं। दूसरी किश्त आने पर जल्द ही कार्य पूर्ण कर दिया जाएगा। वहीं जिला विद्यालय निरीक्षक डा. देवेंद्र प्रकाश ने बताया कि हम निर्माण कार्य की मॉनीट¨रग कर रहे हैं, काम अच्छा हो रहा है। टॉयलेट ब्लॉक्स बनकर तैयार होने के बाद जब हमें हैंडओवर किया जाएगा तब इनका विद्यालयों में प्रयोग शुरू कर दिया जाएगा।

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