संस्कृत को कॅरियर की राह बना रहे हैं शिफत व जाहिन

गौरव डुडेजा, इटावा: शहर के दिल्ली पब्लिक स्कूल में पढ़ने वाले मुस्लिम परिवार में जन्मे भाई बहन जहीन

By Edited By: Publish:Sat, 30 Apr 2016 04:47 PM (IST) Updated:Sat, 30 Apr 2016 04:47 PM (IST)
संस्कृत को कॅरियर की राह बना रहे हैं शिफत व जाहिन

गौरव डुडेजा, इटावा: शहर के दिल्ली पब्लिक स्कूल में पढ़ने वाले मुस्लिम परिवार में जन्मे भाई बहन जहीन व शिफत संस्कृत भाषा को ही कॅरियर की राह बना रहे हैं। कक्षा 11 में पढ़ने वाले जहीन व कक्षा 10 में पढने वाली शिफत संस्कृत से काफी प्रभावित है। वे संस्कृत में आयुर्वेदिक जानकारियों को लेकर आगे मेडिकल लाइन में इसका प्रयोग करना चाहते हैं। अपने समाज में प्रचलित उर्दू भाषा को छोड़कर इन बच्चों ने संस्कृत को ही अपने कॅरियर की राह बनाने का फैसला किया है।

शहर के करमगंज मोहल्ले में रहने वाले अंग्रेजी प्रवक्ता सन्नकदीन ने अपने बेटे जहीन व बेटी शिफत को शुरू से ही संस्कृत पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। वे इसे भाषा के रूप में लेते हुए कॅरियर की राह पर आगे बढ़ाना चाहते थे। जहीन का कहना है कि वह बायोलॉजी से पढ़ाई कर रहा है। संस्कृत भाषा में वैदिक ज्ञान होने के कारण इसका लाभ उसे आगे चलकर आयुर्वेद के क्षेत्र में मिल सकेगा। यह सोचकर वह संस्कृत को अपने कॅरियर की राह के रूप में देख रहा है। जहीन ने संस्कृत भाषा को अपने विषय में द्वितीय लैंग्वेज के रूप में लिया है। वहीं शिफत का कहना है कि संस्कृत भाषा उसे पढ़ने में काफी अच्छी लगती है। आगे चलकर वह संस्कृत विद्यापीठ के माध्यम से उच्च स्तरीय शिक्षा ग्रहण करना चाहती है। उसे शुरू से ही इस भाषा का रुझान रहा है और इसी के माध्यम से वह अपना कॅरियर बनाना चाहती है।

स्कूल की प्रधानाचार्य भावना ¨सह बताती हैं कि जहीन व शिफत ने अभी हाल ही में स्कूल में लगाये गये पांच दिवसीय विशेष संस्कृत प्रशिक्षण शिविर में जबरदस्त प्रदर्शन किया था। उन्होंने प्रतिदिन होने वाले संस्कृत के व्याख्यानों में भाग लेकर स्कूल में टॉप रैं¨कग पायी थी। ऐसा कुछ ही बच्चों में देखने को मिलता है।

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