बौद्ध सर्किट से जुड़े अचलपुर को चहुंमुखी विकास की दरकार

इस बार भी अधूरी रह गईं कच्ची गलियां विकास कार्य हुए अभी और दरकार

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 06:42 AM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 06:42 AM (IST)
बौद्ध सर्किट से जुड़े अचलपुर को चहुंमुखी विकास की दरकार
बौद्ध सर्किट से जुड़े अचलपुर को चहुंमुखी विकास की दरकार

जासं, एटा: सदर तहसील की ग्राम पंचायत अचलपुर एक बड़ी पंचायत है। जितनी ज्यादा आबादी है, उतनी हीं समस्याएं भी हैं। बीते पांच साल में विकास कार्य होते रहे, लेकिन वे पर्याप्त नहीं थे। यही वजह है कि ग्रामीण और ज्यादा विकास कराए जाने की मांग कर रहे हैं। ऐसा नहीं कि अचलपुर के बारे में प्रशासन न जानता हो, लेकिन विकास कार्यों में कीर्तिमान नहीं बना पाया। हालांकि गांव की सरकार का दावा है कि उसने विकास कार्यों में कोई कसर नहीं छोड़ी। यह गांव बौद्ध सर्किट से जुड़ा है।

अचलपुर गांव बौद्ध ²ष्टि से महत्वपूर्ण है। बैरंजा बौद्ध अनुयायियों का तीर्थ स्थल है। यहां भगवान बुद्ध ने वर्षावास किया था। इसी ग्राम पंचायत के अंतर्गत अतरंजीखेड़ा आता है, जहां हर साल देश-विदेश के तमाम पर्यटक इस खेड़ा को देखने के लिए आते हैं। पुरातत्व विभाग समय-समय पर खेड़ा पर उत्खनन कराता है, लेकिन जो मूल ग्राम पंचायत है उसके लिए शासन ने कोई योजना विशेष तौर पर नहीं बनाई। ग्रामीणों का मानना है कि बौद्ध सर्किट में होने के कारण ग्राम पंचायत का भी चहुंमुखी विकास होना चाहिए। ग्राम पंचायत अचलपुर के नगला जोरी, नगला प्रेमी, नगला भूड़, नगला नरायन मजरा हैं। जागरण टीम जब गांव में पहुंची तो कई गलियां टूटी हुईं दिखाई दीं। वहां खरंजा उखड़ा पड़ा था। नालियां भी गंदगी से अटी थीं। हालांकि ऐसे भी कई स्थान दिखे जहां सफाई थी और कुछ जगह कूड़े-करकट के ढेर लगे थे। गांव में पर्याप्त शौचालय का दावा किया गया है, लेकिन तमाम लोग ऐसे भी हैं जिन्हें प्रधानमंत्री आवास, शौचालय का लाभ नहीं मिला है। गांव की प्रमुख समस्या सड़कों की है। लोग चाहते हैं कि उनके घर के दरवाजे पर पक्का रास्ता हो ताकि निकलने में परेशानी न हो अथवा जलभराव न हो। दूसरी समस्या जलभराव की भी है। नालियां अटी होने के कारण पानी भर जाता है, जिससे लोगों का निकलना दूभर हो जाता है। ग्रामीण और विकास कार्यों की मांग कर रहे हैं।

हमने विकास कार्यों में कोई कसर नहीं छोड़ी है। पुलिस चौकी का निर्माण कराया जा रहा है, विद्युत सब स्टेशन भी बनवाया गया है। इसकी पहल ग्राम पंचायत स्तर से ही की गई थी। ग्राम पंचायत निधि के तहत जो भी धनराशि मिली उसका पूरा उपयोग किया गया। शत-फीसद पैसा खर्च किया गया है। गांव में पंचायत भवन पुराना बना हुआ है जो जीर्ण अवस्था में है अगर पैसा मिलता है तो नए पंचायतघर का निर्माण आगे चलकर जरूर कराया जाएगा। गांव में पर्याप्त सोलर लाइटें लगवाई गई हैं। ग्राम पंचायत की तरफ से जो भी बन पाया वह पांच साल में हमने किया है।

- निरोत्तम सिंह यादव, प्रधान अचलपुर

गांव अचलपुर में विकास कार्यों के नाम पर छलावा हुआ है। विकास के जितने दावे किए जा रहे हैं वे धरातल पर नहीं हैं। गलियां टूटी पड़ीं हैं, हैंडपंप पर्याप्त मात्रा में नहीं लगे, इंटरलाकिग जिन स्थानों पर होनी चाहिए थी वहां नहीं की गई। प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ सिर्फ चुनिदा लोगों को ही दिया गया। जो वाकई पात्र हैं वे आज भी भटक रहे हैं। अचलपुर अतरंजीखेड़ा के कारण ऐतिहासिक गांव है इसलिए यहां का विकास प्रमुखता के साथ होना चाहिए, लेकिन गांव की सरकार इस दिशा में कभी गंभीर नहीं हुई।

- राकेश यादव, पिछले पंचायत चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे

गांव में विकास कार्य गंभीरतापूर्वक नहीं किए गए, आज भी तमाम कार्य अधूरे पड़े हैं और पांच साल बीत चुके हैं।

- राजेश कुमार गली-खरंजा तक नहीं बनवाए गए। गांव के बुजुर्गों को टूटी गली में चलने पर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

- श्यामसुंदर शर्मा जिन पात्रों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए था वह नहीं मिल पाया, इसके लिए प्रशासनिक मशीनरी भी दोषी है।

- रामवीर सिंह हम सब चाहते हैं कि गांव का विकास प्रमुखता के साथ होना चाहिए क्योंकि अचलपुर सामान्य नहीं ऐतिहासिक गांव है।

- जुगेंद्र सिंह अचलपुर की प्रोफाइल

कुल मतदाता-2998

आबादी-7500

महिला मतदाता-1198

पुरुष मतदाता-1800

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