बिना नोटिस संविदा रद करना गैर कानूनी

जागरण संवाददाता, एटा: किसी भी संविदा को बिना नोटिस दिए समाप्त करना गैरकानूनी है। तत्कालीन

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Aug 2017 06:33 PM (IST) Updated:Sun, 13 Aug 2017 06:33 PM (IST)
बिना नोटिस संविदा रद
करना गैर कानूनी
बिना नोटिस संविदा रद करना गैर कानूनी

जागरण संवाददाता, एटा: किसी भी संविदा को बिना नोटिस दिए समाप्त करना गैरकानूनी है। तत्कालीन बीएसए द्वारा रद की गई शिक्षा प्रेरकों की संविदा को बहाल करना प्रशासन की जिम्मेदारी है। यह कहना है आदर्श लोक शिक्षा प्रेरक वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों का। रविवार को एडीएम प्रशासन से मिले पदाधिकारियों ने 32 प्रेरकों की रद की गई संविदा को बहाल करने के लिए ज्ञापन सौंपा।

एडीएम प्रशासन सतीश पाल से हुई मुलाकात में पदाधिकारियों ने बताया कि तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी शौकीन ¨सह यादव ने अपने निरीक्षण में लोक शिक्षा केंद्रों पर अनुपस्थित पाए गए 32 शिक्षा प्रेरकों की संविदा को बिना कोई नोटिस तामील कराए समाप्त कर दिया था। संविदा निरस्तीकरण आदेश निर्गत करने के दौरान उन्होंने शिक्षा प्रेरकों को सही तरीके से सुनवाई का अवसर तक नहीं दिया। ऐसे में बिना नोटिस संविदा को खत्म करना कानून के खिलाफ काम है। पदाधिकारियों ने बताया कि जिन शिक्षा प्रेरकों की संविदा निरस्त की गई है, उन्होंने बीएलओ काम के साथ ओडीएफ का काम भी किया है। जिसका भी अभी तक भुगतान नहीं किया गया है।

पदाधिकारियों ने एडीएम प्रशासन को सौंपे ज्ञापन में सभी 32 शिक्षा प्रेरकों की बहाली की व बीएलओ ड्यूटी मानदेय दिलाने की मांग की। एडीएम को ज्ञापन सौंपने वालों में जिलाध्यक्ष विनोद कुमार आर्य, मिथलेश, शकुंतला, भावना दीक्षित, अरुणा शर्मा, प्रतिभा कुमारी, रेखा, आरती देवी, अरुण कुमार, विनय प्रताप, प्रमोद कुमार, सीमा, राजेश कुमार, ऊदल ¨सह, अनिल कुमार, प्रदीप कुमार, दिवाकर चंद्र शामिल रहे।

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