तंत्र के गण : गरीब, असहाय बच्चों को कुपोषण मुक्ति का बनी सहारा

शासन की तमाम पोषण योजनाओं के बावजूद गरीब असहाय बच्चों में कुपोष

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Jan 2020 10:49 PM (IST) Updated:Wed, 22 Jan 2020 06:05 AM (IST)
तंत्र के गण : गरीब, असहाय बच्चों को कुपोषण मुक्ति का बनी सहारा
तंत्र के गण : गरीब, असहाय बच्चों को कुपोषण मुक्ति का बनी सहारा

एटा, जागरण संवाददाता : शासन की तमाम पोषण योजनाओं के बावजूद गरीब, असहाय बच्चों में कुपोषण के आंकड़े देखे तो निर्णय ले लिया कि उनके लिए खुद कुछ करना है। किसी और पर विश्वास नहीं करते हुए खुद मुख्यालय स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र जाकर जरूरतमंद कुपोषित बच्चों को खोजना शुरू किया। तमाम बच्चे ऐसे मिलते गए जोकि इतने गरीब थे कि पोषण की व्यवस्थाएं नहीं कर सकते थे या फिर परिवार में उनके सिर पर पिता का साया नहीं था। उन्हें घर जाकर अच्छे पोषणयुक्त खाद्य पदार्थ और दवाएं उपलब्ध कराईं और वह बच्चे कुपोषण से मुक्ति पा गए।

कुछ इसी तरह की समाजसेवा शहर की अग्रणी सामाजिक समाजसेवी संस्था वामा की संस्था पर डा. निरुपमा वर्मा के द्वारा की जा रही है। पूर्व एमएलसी स्व. बाबूराम वर्मा की पौत्रवधू होने के बावजूद वह तीन दशक से ज्यादा समय से विभिन्न रूपों में समाजसेवा के कार्यों से जुड़ी हुई हैं। पिछले पांच साल पहले सरकारी पोषण योजनाओं के बावजूद जरूरतमंदों तक मदद न पहुंचने से झटका लगा। तभी से वह गरीब, असहाय बच्चों को विभिन्न माध्यमों से ढूंढ़कर चिन्हित कर रही हैं। ताकि उन्हें पोषण के मुक्ति दिला सकें। शहर के काशीराम कालोनी में ही साजिया अति कुपोषित थी। इस एक साल की बेटी के सिर से पिता का साया उठ चुका था। मां किसी तरह बच्चों का पालन-पोषण कर रही थी। कुपोषण की जानकारी पर उन्होंने साजिया के घर तक पहुंच मदद उपलब्ध कराई और वह छह महीने में स्वस्थ हो गई।

इस तरह एक-दो नहीं बल्कि वह गरीब और मलिन बस्तियों में जाकर सैकड़ों बच्चों को कुपोषण की जंग जिता चुकी हैं। खास बात यह है कि संस्था बिना किसी सरकारी मदद के निजी संसाधनों से ही कुपोषण मुक्ति अभियान चला रही है। इतना जरूर है कि कुछ जागरूक शिक्षित लोगों ने बच्चों को चिन्हित कराने में उनकी मदद की है। उनका कहना है कि कुपोषण मिटाने को संस्था और विस्तृत करने व सरकारी योजनाओं में सुधार के लिए पहल कर रही है।

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