महिला आर्य समाज के वार्षिकोत्सव का समापन

शहर के प्रेमनगर में चल रहे महिला आर्य समाज के तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव का समापन हो गया। समापन सत्र में आर्य विद्वानों ने बताया कि पत्नी वही होती है जो अपने पति को पतित होने से बताए।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Apr 2019 05:24 PM (IST) Updated:Thu, 04 Apr 2019 05:24 PM (IST)
महिला आर्य समाज के वार्षिकोत्सव का समापन
महिला आर्य समाज के वार्षिकोत्सव का समापन

जागरण संवाददाता, एटा: प्रेमनगर में चल रहे महिला आर्य समाज के तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव का समापन गुरुवार को हो गया। समापन सत्र में आर्य विद्वानों ने बताया कि पत्नी वही होती है, जो अपने पति को पतित होने से बताए।

समापन सत्र में उमेशचंद्र कुलश्रेष्ठ ने यज्ञ को विष्णु बताया, उन्होंने कहा कि जिस परिवार में यज्ञ होते है। वहां विष्णु का वास होता है, लक्ष्मी रहती है। यज्ञ से वंश वृद्धि होती है और सुखों का वास हो जाता है। पं. आर्येंद्र, सुकांत आर्य व डॉ. सुरेशचंद्र ने बताया कि माताएं ही संसार की निर्माता होती हैं। ऐसे में माताओं को स्वाध्याय के माध्यम से शिक्षित होकर कुरीतियों को दूर करना चाहिए। सच्ची पत्नी वही होती है, जो पति को पतित होने से रोक देती है। समापन सत्र में कुसमादेवी, सावित्री देवी, सुमन आर्य, रामस्वरूप आर्य ने भजनों की प्रस्तुति की। इस अवसर पर सिपाहीलाल आर्य, नीतेश आर्य, सुरेंद्र कुमार गुप्त, योगमुनि, मुन्नीदेवी, शांतीदेवी आर्या, रामबेटी, मीरा गुप्ता, मिथलेश चौहान, प्रज्ञा गुप्ता, वंशिका गुप्ता, मीना, सरोज, विमला, रामबाबू गुप्ता, नेत्रपाल शर्मा, आनंद स्वरूप, वृहम विनोद, अरुण, वरुण आदि मौजूद थे।

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