दूसरे दिन भी नहीं थमा अधिवक्ताओं का आक्रोश

एटा जासं। दिल्ली तीस हजारी कोर्ट में अधिवक्ताओं पर पुलिस द्वारा की गई बर्बरता पूर्ण लाठी चार्ज और फायरिग की घटना को लेकर स्थानीय अधिवक्ताओं का आक्रोश दूसरे दिन भी नहीं थमा। आक्रोशित अधिवक्ताओं ने जहां न्यायिक कार्यो से विरत रहकर विरोध प्रदर्शन किया। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम उपजिलाधिकारी नंदलाल को ज्ञापन सौंपकर मृतक अधिवक्ता के परिजनों को 20 लाख की मुआवजा राशि की मांग की।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 08 Nov 2019 11:19 PM (IST) Updated:Sat, 09 Nov 2019 06:26 AM (IST)
दूसरे दिन भी नहीं थमा अधिवक्ताओं का आक्रोश
दूसरे दिन भी नहीं थमा अधिवक्ताओं का आक्रोश

एटा, जासं। दिल्ली तीस हजारी कोर्ट में अधिवक्ताओं पर पुलिस द्वारा की गई बर्बरता पूर्ण लाठी चार्ज और फायरिग की घटना को लेकर स्थानीय अधिवक्ताओं का आक्रोश दूसरे दिन भी नहीं थमा। आक्रोशित अधिवक्ताओं ने जहां न्यायिक कार्यो से विरत रहकर विरोध प्रदर्शन किया। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम उपजिलाधिकारी नंदलाल को ज्ञापन सौंपकर मृतक अधिवक्ता के परिजनों को 20 लाख की मुआवजा राशि की मांग की।

शुक्रवार को दूसरे दिन कलक्ट्रेट बार सभागार में अधिवक्ताओं की साधारण सभा हुई। इस दौरान कलक्ट्रेट बार के अध्यक्ष विजेंद्रपाल सिंह ने कहा कि शासन-प्रशासन को तय करना होगा कि प्रदेश में किसी भी अधिवक्ता पर ऐसे हमलों की पुनरावृत्ति न होने पाए। अधिवक्ताओं पर हो रहे हमलों के विरुद्ध दोषी अभियुक्तों की शीघ्र से शीघ्र गिरफ्तारी कर कड़ी कार्यवाई की जाए। मृतक वकील के आश्रितों को सरकार द्वारा कम से कम 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाए। उन्होने पुलिस फायरिग और हमले में घायल हुए अधिवक्ताओं को भी 10 लाख रुपये का मुआवजा दिए जाने की मांग की। महासचिव संजय उपाध्याय ने कहा कि अधिवक्ता भविष्य निधि की धनराशि 1.25 लाख से बढ़ा कर 5 लाख रुपये की जाए। साथ ही न्यायालय परिसर में किसी भी पुलिस अधिकारी या सिपाही को असलाह लेकर प्रवेश न करने दिया जाए। अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए जाएं।

ज्ञापन देने वालों में अधिवक्ता राजीव यादव, राजेश यादव, अजय जैन, राकेश बघेल, शिवांग यादव, प्रभात चौहान, प्रदीप भारद्वाज, विनीत मिश्रा, नईम अहमद, प्रशांत पुंढीर, अमित चौैहान, संजीव कुमार, कैलाश राजपूत, ध्यानपाल सिंह यादव, आरती यादव, राजू दीक्षित, सूर्यप्रकाश बघेल आदि अधिवक्ता मौजूद थे।

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