30 कर्मचारियों ने कर लिया बंदरबांट, अब होगी वसूली

ग्राम प्रधानों के साथ मिलकर सरकारी धनराशि का गबन करने वाले लगभग ती

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Feb 2021 05:39 AM (IST) Updated:Wed, 03 Feb 2021 05:39 AM (IST)
30 कर्मचारियों ने कर लिया बंदरबांट, अब होगी वसूली
30 कर्मचारियों ने कर लिया बंदरबांट, अब होगी वसूली

जागरण संवाददाता, एटा: ग्राम प्रधानों के साथ मिलकर सरकारी धनराशि का गबन करने वाले लगभग तीस कर्मचारी रिकवरी के दायरे में आ रहे हैं। जिला विकास अधिकारी के स्तर से इनकी सूची तैयार कराई जा रही है। सीडीओ ने कर्मचारियों के खाते से वेतन वसूली की रकम काटने का आदेश जारी किया है।

विकास कार्यों के नाम पर ग्राम पंचायतों में मोटी रकम का बंदरबांट किया गया है। बेखौफ हुए सरकारी कर्मचारियों ने कार्रवाई की परवाह न करते हुए पंचायत धनराशि को निजी हित में लगा दिया। मगर शासन ने ऐसे लोगों पर नकेल कसने के लिए ग्राम पंचायतों का आडिट करा दिया। जिसमें 70 ग्राम पंचायतों में गड़बड़ी की पुष्टि हुई। अधिकांश पंचायतों में तो प्रधान को नाम मात्र धनराशि दी गई है। जबकि कर्मचारियों ने मोटी रकम खातों से आहरण करके हजम कर ली है। आडिट रिपोर्ट मिलने के बाद जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक कुमार प्रियदर्शी ने प्रधानों के खिलाफ रिकवरी नोटिस जारी करने शुरू कर दिए हैं। जबकि सरकारी कर्मचारियों से वसूली करने के लिए मुख्य विकास अधिकारी अजय प्रकाश और जिला विकास अधिकारी एसएन कुशवाह ने कदम उठाने चालू कर दिए हैं। डीडीओ एसएन सिंह कुशवाह ने कहा कि रिकवरी के दायरे में 30 कर्मचारी आ रहे हैं। जिनसे वसूली करने के लिए सूची तैयार कराई जा रही है। वहीं मुख्य विकास अधिकारी अजय प्रकाश ने सरकारी कर्मचारियों से सरकारी धनराशि की वसूली करने के लिए उनके वेतन खाते से किस्त के रूप में कटौती करने का आदेश दिया है।

मनरेगा में 23 हजार परिवारों को मिलेगा 100 दिन का रोजगार : मनरेगा के माध्यम से लोगों को अधिक से अधिक रोजगार देने की कवायद की जा रही है। शासन ने फिर से जनपद में 23 हजार परिवारों को सौ दिन का रोजगार देने का लक्ष्य दिया है। इसके साथ ही चयनित किए जाने वाले परिवारों को व्यक्तिगत लाभ भी देना शासन ने निर्धारित किया है।

महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना में अधिक से अधिक श्रमिकों को जोड़ने के लिए शासन की प्राथमिकता में शामिल है। पिछली बार जिले को 15 हजार परिवारों को 100 दिन तक रोजगार देने का लक्ष्य दिया था। मगर इस बार शासन ने लक्ष्य में बढ़ोतरी करते हुए 23 हजार परिवारों की संख्या कर दी है। शासन से लक्ष्य मिलने के बाद पंचायत स्तर पर श्रमिकों को चिन्हित करने का काम शुरू हो गया है। मुख्य विकास अधिकारी अजय प्रकाश ने कहा कि चयनित किए गए परिवारों को सौ दिन का रोजगार देने के साथ ही उन्हें व्यक्तिगत लाभान्वित भी किया जाएगा। जिसमें उनके घर पशु, पोल्ट्री शेड आदि का भी निर्माण कराया जाएगा। इससे मजदूर खुद का रोजगार शुरू करके आमदनी बढ़ा सके। बता दें कि जनपद की 397 ग्राम पंचायतों में 8 हजार 3 सौ 53 मजदूर काम कर रहे थे।

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